नई दिल्ली: प्रवासी श्रमिकों के मसले पर शीर्ष अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों ने अपने यहां प्रवासी मजदूरों की स्थिति के संबंध में जानकारी दी. गुजरात सरकार की तरफ से पेश किए गए वकील ने कहा कि इस मामले अब और विस्तृत जांच की जरुरत नहीं है. 22 लाख में से 2.5 लाख बाकी हैं. 20.5 लाख वापस भेजे गए हैं.
वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि 11 लाख से ज्यादा प्रवासी वापस चले गए हैं. अभी 38000 रह गए हैं. दिल्ली ने कहा कि 2 लाख श्रमिक अभी हैं, जिनमें से 10 हजार से कम लोग घर जाना चाहते हैं. वहीं, यूपी सरकार ने कहा कि हमने किसी भी मजदूर से किराया नहीं लिया है. यूपी की योगी सरकार ने कहा कि हमने दो स्तर पर काम किया. पहला मजदूरों को वापस लाने और यहां मौजूद श्रमिकों को भेजने का. हमने 104 स्पेशल ट्रेन के लिए 1.35 लाख मजदूरों को भेजा. अभी राज्य में कोई नहीं है, जो वापस घर जाना चाहते हैं. यूपी के कई लोग देश के बाकी इलाकों में काम कर रहे हैं.
योगी सरकार ने कहा कि हमने दिल्ली सीमा से 5.50 लाख मजदूरों को उनके घर पहुंचाया. इसके लिए बसों ने 10 हजार से ज्यादा ट्रिप लगाया है. वहीं, बिहार सरकार ने कहा कि राज्य में 28 लाख मजदूर वापस आए हैं, जिसमें से 10 लाख लोगों की स्किल मैपिंग कर ली गई है. अब उन्हें रोजगार देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
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