इलाहाबाद : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जहां एक ओर विपक्षी राज्य के विकास को लेकर उनसे सवाल कर रहे हैं तो सपा में ही पार्टी प्रमुख सरकार के कामों से खुश नहीं हैं। रही सही कसर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूरी कर दी है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा अपाॅईंट किए गए उच्चतर शिक्षा चयन आयोग के तीन सदस्यों की नियुक्ति को अवैध ठहराया है। इस दौरान कहा गया है कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित योगदान नहीं दिया जाता।
यही नहीं सरकार ने इसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त कर दिया। आखिर यह किस तरह से किया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूर्ण के साथ जस्टिस वर्मा की युगलपीठ ने इस मामले में अपना निर्णय दिया। गोरखपुर विश्विद्यालय के शिक्षक केके शाही की ओर से याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश दिया गया। इस आदेश के बाद सरकार की बेरोजगारी कम करने की योजना पर पानी फिर गया दूसरी ओर राज्य के अन्य भर्ती आयोगों व पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर सरकार मुसीबत में पड़ गई है।