स्किन कैंसर तब होता है जब आपकी त्वचा की कोशिकाओं में कुछ बदलाव होते हैं। ये बदलाव अक्सर पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने से होते हैं। शुरुआती लक्षणों में त्वचा पर नए उभार, पैच, या रंग और आकार में बदलाव शामिल होते हैं। अच्छी बात यह है कि अगर स्किन कैंसर को जल्दी पहचान लिया जाए, तो इसका इलाज संभव है। इलाज के तरीकों में मोहस सर्जरी, क्रायोथेरेपी, और कीमोथेरेपी शामिल हैं।
किसे है स्किन कैंसर का खतरा?: धूप में काम करने वाले: जो लोग खेतों में काम करते हैं, माली हैं, या बिल्डिंग में मजदूरी करते हैं, उन्हें गैर-मेलेनोमा त्वचा कैंसर का खतरा अधिक होता है।
गोरी त्वचा वाले लोग: जिनकी त्वचा गोरी होती है, उनमें मेलेनिन कम होता है, इसलिए उन्हें त्वचा कैंसर का खतरा अधिक होता है।
फैमिली हिस्ट्री: अगर आपके परिवार में किसी को स्किन कैंसर रहा है, तो आपको भी यह बीमारी होने का खतरा अधिक होता है।
हल्के रंग के बाल और आंखें: जिनके बाल लाल या हल्के रंग के होते हैं या जिनकी आंखों का रंग हल्का होता है, उन्हें भी त्वचा कैंसर का अधिक खतरा होता है।
धूप में ज्यादा समय बिताने वाले: जो लोग लगातार धूप में रहते हैं या टैनिंग बेड का उपयोग करते हैं, उन्हें भी स्किन कैंसर का खतरा अधिक होता है।
जेनेटिक बीमारी: कुछ लोगों में यह बीमारी जेनेटिक होती है।
बेसल सेल कार्सिनोमा के कारण: हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि बेसल सेल कार्सिनोमा का मुख्य कारण लंबे समय तक धूप में रहना है। सूरज की हानिकारक पराबैंगनी किरणों या टैनिंग बेड का लगातार उपयोग करने से यह बीमारी होती है। जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक धूप में रहता है, तो उसकी त्वचा में कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाएं बन सकती हैं।
बेसल सेल कार्सिनोमा के लक्षण: बेसल सेल कार्सिनोमा के लक्षणों में त्वचा पर बंप या घाव शामिल होते हैं। ये अक्सर माथे, नाक, निचले होंठ, गाल, गर्दन, और कानों पर गुलाबी या लाल रंग के बंप के रूप में दिखते हैं। कभी-कभी ये रैश की तरह होते हैं, जिसमें खुजली और पपड़ी जमने लगती है। घाव फटने पर खून भी बह सकता है और इसके अंदर खून की कोशिकाएं भी दिखाई दे सकती हैं।
कमजोर इम्युनिटी और पानी में आर्सेनिक: जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उन्हें भी स्किन कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, अगर पीने वाले पानी में आर्सेनिक होता है, तो भी यह स्किन कैंसर का कारण बन सकता है।
उर्फी ने करवाया है ब्रेस्ट ट्रांसप्लांट, जानिए क्या है इसकी प्रोसेस
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद को लेकर कही ये बात
'वर्कप्लेस पर फिक्स हों वर्किंग आवर, संसद में लाएंगे बिल': शशि थरूर