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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के साथ ही देश की अन्य 24 अदालतों के जजों की नियुक्ति को लेकर हाल ही में एक नया अधिनियम तैयार किया गया है। इस अधिनियम में बताया गया है कि 1993 से चली आ रही जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली खत्म कर दी गई है। केंद्र सरकार ने नई प्रणाली राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग बनाने के लिए सोमवार को राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम को अधिसूचित कर दिया। इसके साथ ही पुरानी प्रणाली को ख़त्म करके नया कानून लागू हो गया।
सूत्रों से पता चला है कि सरकार का यह फैसला ऐसे समय आया है
जब सुप्रीम कोर्ट का संविधान पीठ राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम की संवैधानिकता की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने वाला है। राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम की अधिसूचना कानून मंत्रालय के न्याय विभाग ने जारी किया। इसके साथ ही 99वें संविधान अधिनियम को भी लागू कर दिया गया, जो जजों की नियुक्ति के नए कानून को लागू करने के लिए अनिवार्य था।
बताया जा रहा है कि अब प्रधानमंत्री मोदी मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू और विपक्ष कांग्रेस के नेता मल्लिाकार्जुन खडग़े के साथ दो अन्य विख्यात कानूनविदों को आमंत्रित करेंगे, जिससे राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग का गठन होगा। इसके बाद आयोग की पहली बैठक होगी, जिसके साथ यह कार्यरूप में आ जाएगा।