मनुष्य की बर्बादी का कारण बनते हैं श्रीमद्भगवद्गीता में बताये उसके अंदर के ये तीन दोष
मनुष्य की बर्बादी का कारण बनते हैं श्रीमद्भगवद्गीता में बताये उसके अंदर के ये तीन दोष
Share:

आप सभी को बता दें कि श्रीमद्भगवद्गीता में बताया जा चुका है कि कैसे मनुष्य की बर्बादी का कारण उसकी तीन आदतें बनती हैं. जी हाँ, दुनिया के हर एक व्यक्ति के अंदर ये तीन अवगुण होते हैं लेकिन जो व्यक्ति इन पर नियंत्रण पा लेता है वह दुख और परेशानियों से बचा रहता है वहीं जो व्यक्ति इन तीन दोषों पर नियंत्रण नहीं कर पाता है वह बर्बाद होने के कगार पर पहुँच जाता है. जी हाँ, तो आइए जानते हैं कौन से हैं वह तीन कारण...

इच्छा - कहते हैं दुनिया के हर एक व्यक्ति के अंदर का सबसे पहला अवगुण होता है उसकी इच्छाएं. जी हाँ, कहा जाता है जो व्यक्ति अपनी इच्छाओं को नियंत्रण में नहीं रख पाता है वह जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं होता है क्योंकि जैसे ही उसकी एक इच्छा पूरी होती है वह दूसरी की ओर आगे बढ़ने लगता है और दूसरी पूरी होने के बाद तीसरी इच्छा मन में जाग्रत होती है. जी हाँ, ऐसे में इच्छाओं पर नियंत्रण न होने के कारण व्यक्ति जीवनपर्यन्त इसी जाल में उलझा रहता है और दुखी रहता है.

क्रोध - कहा जाता है कई बार अत्यधिक क्रोध आने के कारण लोग गलत निर्णय ले लेते हैं जो उसकी बर्बादी का कारण बन जाते हैं. इस तरह व्यक्ति के अंदर का दूसरा अवगुण होता है क्रोध.

लालच - तीसरा अवगुण जो व्यक्ति के अंदर होता है वह है लालच. जी हाँ, जैसे ही व्यक्ति की एक इच्छा पूरी होती है उसका लालच बढ़ता जाता है और उसके मन में और कई आकांक्षाएं जन्म लेने लगती हैं, जो उसकी बर्बादी का कारण बन जाती है.

इस बार 7 मई को है अक्षय ​तृतीया, जानिए शुभ मुहूर्त और अचूक टोटका

घर के इस कोने में रखे जेवर होगी दुगनी वृद्धि

अच्छा लाइफ पार्टनर चाहते हैं तो करें इन देवताओं की पूजा

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -