चरखा लेकर बैठें तो गांधी जी को दें प्रधानता
चरखा लेकर बैठें तो गांधी जी को दें प्रधानता
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जयपुर : देश में हर व्यक्ति चरखा नहीं चला सकता है। जहां तक गांधी जी के सूत कातने वाले चित्र की और किसी अन्य के चित्र की बात है तो महात्मा गांधी प्रतिदिन सूत कातते थे। यह उनका स्वाभाविक कार्य था। ऐसे में उनका चित्र एक सहज चित्र होगा। यह बात आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने कही। गौरतलब है कि श्रीश्री महात्मा खादी ग्रामोद्योग विभाग के कैलेंडर विवाद को लेकर सवाल पूछे जाने पर अपनी बात कह रहे थे। 

उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया और कहा कि यदि अन्य नेता भी चरखा लेकर बैठते हुए दर्शाए जाते हैं तो उसमें मुश्किल नहीं है लेकिन महात्मा गांधी को भी प्रधानता देना चाहिए। उनका कहना था कि उस समय की परिस्थितयों की तस्वीर थी अब तो कोई चरखा नहीं चलाता है।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि किसी और ने भी उत्साह से कुछ किया होगा लेकिन महात्मा गांधी चरखे पर प्रतिदिन कार्य किया करते थे। चरखे वाले गांधी जी को वैसे ही रहने देना चाहिए था और यदि गांधी जी को प्रधानता देते हुए अन्य नेता चरखा लेकर बैठे तों इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है। उनका कहना था कि अब कोई भी चरखा नहीं चलाता है वह तो उस समय की परिस्थितियों की तस्वीर थी।

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