श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में कश्मीरी हिन्दुओं की निर्मम हत्याओं के आरोपी रहे आतंकी बिट्टा कराटे के खिलाफ 31 वर्षों बाद आज फिर सुनवाई होगी. दरअसल, श्रीनगर की अदालत में एक याचिका दाखिल की गई है, इसमें बिट्टा कराटे के खिलाफ दर्ज मामले वापस खोलने की मांग की गई. श्रीनगर की अदालत इस मामले में आज सुनवाई करेगी. पीड़ित सतीश टिक्कू के परिवार ने एक्टिविस्ट विकास राणा की सहायता से श्रीनगर कोर्ट का रुख किया है. वकील उत्सव बैंस टिक्कू के परिवार की तरफ से पक्ष रखेंगे.
बता दें कि बिट्टा कराटे वह आतंकी है, जिसे कश्मीर में निर्दोष लोगों के क़त्ल और आतंकवाद से संबंधित आरोपों में जेल भेजा गया था. एक इंटरव्यू में बिट्टा ने खुद 20 कश्मीरी हिन्दुओं का क़त्ल करने की बात स्वीकार की थी. बिट्टा कराटे ने कहा था कि उसने 20 कश्मीरी हिन्दुओं की हत्या की थी. वर्ष 1991 में दिए इंटरव्यू में बिट्टा ने कहा था कि यदि उसे अपनी मां या भाई और माँ की हत्या करने का भी आदेश मिलता, तो वह उनकी भी हत्या करने से नहीं हिचकता. बिट्टा ये भी कहता है कि कैसे उसने 22 साल के कश्मीरी पंडित सतीश कुमार टिक्कू की हत्या से घाटी में नरसंहार का सिलिसला शुरू किया था.
बिट्टा को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत भी अरेस्ट किया गया था. बिट्टा पर 19 से अधिक उग्रवाद से जुड़े मामले दर्ज थे. 2008 में अमरनाथ विवाद के दौरान भी उसे अरेस्ट किया गया था. बिट्टा मार्शल आर्ट में ट्रेंड था, इसलिए उसके नाम के साथ लोग कराटे लगाने लगे. बिट्टा कराटे ने लगभग 16 साल जेल में बिताए, आखिर में 23 अक्टूबर, 2006 को टाडा कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया.
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