नई दिल्ली: श्रीलंका के पीएम महिंदा राजपक्षे ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के मामले में भारत का समर्थन किया है और इसे भारत का भीतरी मुद्दा बताया है. पांच दिन के भारत दौरे पर आए महिंदा राजपक्षे ने मीडिया के साथ द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर लंबी चर्चा की. इस दौरान जब भारत के नये नागरिकता संशोधन अधिनियम से तमिलों को बाहर रखने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये भारत का भीतरी मामला है और श्रीलंका में रह रहे लोग जब चाहें तब लौट सकते हैं.
CAA पर बयान देते हुए श्रीलंका के पीएम महिंदा राजपक्षे ने कहा कि, "ये भारत का भीतरी मसला है, श्रीलंका के लोग जब चाहे भारत लौट सकते हैं. उनके घर वहां हैं, वे जब चाहें तब वापस आ सकते हैं, हमें कोई समस्या नहीं है. हाल ही में 4 हजार लोग वापस लौटे हैं, ये सब इस बात पर निर्भर करता है कि वे लोग क्या चाहते हैं." उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में राजपक्षे के सत्ता में लौटने के साथ ही तमिल और मुस्लिम अल्पसंख्यकों में भय का माहौल है.
महिंदा के भाई गोटबया राजपक्षे गत वर्ष श्री लंका के राष्ट्रपति चुने गए हैं. उन्हें बौद्ध सिंघलियों ने बड़ी तादाद में समर्थन और वोट दिया. वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जाहिर की है कि श्रीलंका संविधान के 13वें संशोधन को पूरी तरह से लागू कर देगा और स्थानीय निकायों और सरकारों को सत्ता सौंपेगा.
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