गलत फैसले के विरोध में श्रीलंकाई टीम ने तोड़ा नियम, लहराया झंडा
गलत फैसले के विरोध में श्रीलंकाई टीम ने तोड़ा नियम, लहराया झंडा
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लंदन : लाॅर्ड्स में खेले जा रहे इंग्लैंड-श्रीलंका टेस्ट के चौथे दिन श्रीलंकाई टीम ने अंपायर के एक फैसले के विरोध में नियम विरुद्ध बालकनी पर अपना नेशनल फ्लैग लहरा दिया. हालांकि बाद में जब टीम मैनेजमेंट को ये बताया गया कि बालकनी में कोई झंडा या बैनर लहराने पर मनाही है तो उसे हटा दिया गया.

दरअसल, सोमवार को इंग्लैंड की सेकेंड इनिंग के दौरान ओपनर एलेक्स हेल्स 58 रन के पर्सनल स्कोर पर नुवान प्रदीप की बॉल पर बोल्ड हो गए, लेकिन फील्ड अंपायर रोड टकर ने इसे नो बॉल करार दिया. टीवी रिप्ले में साफ दिख रहा था कि प्रदीप का पैर क्रीज के अंदर ही था और यह कहीं से नो बॉल नहीं थी.हेल्स ने इस मौके का फायदा उठाते हुए 94 रन की इनिंग खेली. इंग्लैंड ने सेकंड इनिंग 233/7 रन बनाकर डिक्लेयर की। पहली इनिंग के बेस पर श्रीलंका को 362 रन बनाने की चुनौती दी.

क्या है नियम?

लंदन के लॉर्ड्स और जॉन्स वुड स्टेडियम पर मैरिलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) गवर्न करता है. मैरिलेबोन क्रिकेट क्लब इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड दोनों के गवर्निंग बॉडी का मेंबर है. उसके नियम के मुताबिक, इन दोनों ही स्टेडियम के पवेलियन पर किसी अन्य देश का फ्लैग नहीं लहराया जा सकता.

श्रीलंकाई टीम के कोच ग्राहम फोर्ड ने अंपायर के इस फैसले पर निराशा जताई.उन्होंने ICC से ऐसे फैसले की जांच के लिए तकनीक के इस्तेमाल की अपील की. फोर्ड ने कहा ICC को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. मॉडर्न क्रिकेट में टेक्नोलॉजी है तो उसका इस्तेमाल करना चाहिए. यदि फील्ड अंपायर फैसला गलत देता है तो उसे थर्ड अंपायर के लिए छोड़ देना चाहिए.

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