नई दिल्ली : केजरीवाल और केंद्र सरकार के बीच वार पलटवार का सिलसिला शुरू हो गया है. दिल्ली सरकार के एंटी करप्शन ब्रांच में हाल ही में नियुक्त चीफ एमके मीणा के कार्यालय में जासूसी चलने की खबर सामने आयी है. उनके कार्यालय में जासूसी का एक उपकरण भी मिला है. एसीबी चीफ के ऑफिस में रिकॉर्डिंग डिवाइस मिलने से अधिकारियों में थोड़ी खलबली मच गयी है. रिकॉर्डिंग डिवाइस की जांच की जा रही है. जांच में यह पता किया जाएगा यह सोची समझी साजिश के चलते हुए है या गलती से वहां छूट गए हैं. बीते दिनों दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने एमके मीणा को एसीबी का चीफ बनाया है.
सूचना के अनुसार शुक्रवार को जब एसीबी चीफ मीणा विकास भवन स्थित अपने कार्यालय पहुंचे तो उन्हें इस जासूसी उपकरण के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने इस सोचना को तुरंत अपने वरिष्ठ अधिकारियों से साँझा किया. जानकारी है की मीणा को अभी तक कार्यालय नहीं मिल पाने की वजह से वे अन्य अधिकारी के कमरे में बैठते है. ध्यान देने योग्य बात है की 21 मई को केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करके ये स्पष्ट किया था कि एसीबी केन्द्र सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों से संबंधित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने का अधिकार नहीं रखता है. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने अदालत में इस नोटिफिकेशन के विरोध में याचिका दायर की थी.
अधिसूचना जारी करने के बाद दिल्ली सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में स्टाफ की कमी को पूरा करने के चलते बिहार सरकार से कुछ पुलिस अधिकारियों की डिमांड की थी. इसके साथ ही एसएस यादव को एसीबी का प्रमुख नियुक्त कर दिया. इसी बीच उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली सरकार को करारा धक्का देते हुए दिल्ली पुलिस के सात इंस्पेक्टरों को एसीबी में भेजने के साथ ही मौजूदा चीफ एसएस यादव के ऊपर संयुक्त पुलिस आयुक्त एमके मीणा की नियुक्ति कर दी. अब इस अधिकारी को लेकर एक बार फिर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तकरार शुरू हो गयी है.मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल द्वारा मीणा की नियुक्ति पर आपत्ति जतायी.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने सोशल मीडिया पर ट्वीट के करके सवाल उठाया था कि एसीबी में अचानक संयुक्त आयुक्त का पद लाकर अपने प्रिय अधिकारी की नियुक्ति और रात में ही पद संभालने के पीछे रंजिश क्या है? मीणा की नियुक्ति ने वाद विवाद की स्थिति खड़ी कर दी है. केंद्र और केजरीवाल सरकार के बीच जंग छिड़ गयी है. दिल्ली सरकार ने मीणा की नियुक्ति को बर्खास्त करते हुए उन्हें वापस गृह मंत्रालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है, जबकि मीणा ने इन सब बातो से पल्ला झड़ते हुए कहा है कि उनकी नियुक्ति का आधार जंग का सरकारी आदेश है.एसीबी के नवीन संचालक एमके मीणा ने खुद इस डिवाइस के बारे पता लगाया है. मीणा ने जानकारी दी कि यह रिकाॅर्डिंग डिवाइस उनके कार्यालय की टेबल पर रखे पेन स्टैंड में अटैच थी. नव नियुक्त मीणा ने जंग और दिल्ली पुलिस आयुक्त को शिकायत कर जांच की मांग की है.