स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख संत अक्षरपुरूषोत्तम स्वामी का निर्वाण

स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख संत अक्षरपुरूषोत्तम स्वामी का निर्वाण
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अहमदाबाद : स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख संत और बोचासवासी अक्षरपुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्थान अर्थात् बीएपीएस के अध्यक्ष व आध्यात्मिक गुरू प्रमुखस्वामी का निर्वाण हो गया। वे गुजरात के बोटाद जिले के सारंगपुर में शाम करीब 6 बजे प्रमुखस्वामी द्वारा अंतिम सांस ली गई। लगभग 95 वर्ष के प्रमुख स्वामी लंबे समय से बीमार थे। प्रमुख स्वामी का अंतिम संस्कार बुधवार दोपहर के बाद करीब 3 बजे किया जाएगा।

स्वामी जी की पार्थिव देह को अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया है। स्वामी जी के निधन की जानकारी मिलते ही देशभर से स्वामीनारायण संप्रदाय के लोग गुजरात में जुटना प्रारंभ हो गए। इतना ही नहीं देशभर में मौजूद आश्रमों में भी श्रद्धालु स्वामी जी के लिए प्रार्थनाऐं करने जुटे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतश्री बोचासणवासी अक्षरपुरूषोत्तम महाराज के निर्वाण पर अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की है। उनका कहना है कि समाज के लिए उन्होंने जो कार्य किया है उसे सदैव याद रखा जाएगा।

उनके निर्वाण पर सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने भी अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अक्षरधाम पर जो आतंकी हमला हुआ था उसके बाद भी स्वामी जी ने सांप्रदायिक सौहार्द की वकालत की थी। उल्लेखनीय है कि प्रमुख स्वामी के नेतृत्व में बीएपीएस संस्था ने विश्व में एक हजार से अधिक मंदिर निर्मित करवाए। इन मंदिरों को लेकर यह संप्रदाय गिनीज बुक आॅफ वल्ड रिकाॅर्डस में भी छाया रहा। 1950 में स्वामी जी जब 28 वर्ष के थे तभी वे बीएपीएस के प्रमुख बन गए थे जिसे प्रमुख स्वामी कहा जाता है। वे इस तरह की जिम्मेदारी 66 वर्ष तक निभाते रहे।

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