नई दिल्ली: इंडियन आर्मी ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास लद्दाख सेक्टर में पहली K9-वज्र (K9-Vajra) स्व-चालित हॉवित्जर रेजिमेंट को तैनात कर दिया है. यह तोप तक़रीबन 50 किमी की दूरी से दुश्मन के ठिकानों पर अटैक कर सकती है. ये तोपें अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भी काम करने में सक्षम हैं. K9-वज्र तोप के प्रदर्शन पर बात करते हुए आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बताया कि इसके फील्ड ट्रायल बेहद सफल रहे. हमने अब आर्मी में इसकी एक पूरी रेजिमेंट जोड़ ली है, जो कि बहुत मददगार होगी.
बता दें कि सेना का K-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी है. इसमें तोप और टैंक दोनों की खूबियां हैं. K-9 वज्र में आर्टिलरी की रेंज और शक्ति है, जो 18 किलोमीटर से लेकर 50 किलोमीटर की दूरी पर बैठे दुश्मन का कोई भी ठिकाना नष्ट कर सकती है. इसमें टैंक के पावर पैक्ड फीचर भी हैं. K-9 वज्र टैंक की तरह किसी भी तरह के मैदान में तेजी से चलने में सक्षम है. K-9 वज्र की बदौलत इंडियन आर्मी की आर्टिलरी की मारक क्षमता में इजाफा हुआ है. इसे विश्व के सबसे आधुनिक और हाईटेक सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी में गिना जाता है. बता दें कि K-9 वज्र टैंक स्व-संचालित है. यह एक ऑटोमैटिक कैनल बेज्ड आर्टिलरी सिस्टम है, जिसकी मारक क्षमता 40 से 52 किलोमीटर तक है.
#WATCH K9-Vajra self-propelled howitzer in action in a forward area in Eastern Ladakh pic.twitter.com/T8PsxfvstR
— ANI (@ANI) October 2, 2021
वहीं, इसका ऑपरेशनल रेंज 480 किलोमीटर है. इन सब बातों के मद्देनज़र ही इस टैंक के निर्माण के लिए गुजरात के हजीरा में खास फैक्ट्री स्थापित की गई है. सबसे बड़ी बात कि K9 वज्र स्वदेश में निर्मित है. इसे दक्षिण कोरिया की सहायता से भारत में ही बनाया गया है. K9-वज्र में मल्टीपल राउंड्स मल्टीनेशनल इफेक्ट (MRSI) मोड में गोले को रखने की क्षमता है. MRVI मोड में K-9 वज्र सिर्फ 15 सेकंड के अंदर तीन गोले दाग सकता है. अधिकतम गोले की क्षमता 104 राउंड फायर की है. इस तोप का वजन 50 टन है और यह 47 किलोग्राम के गोले 50 किलोमीटर की दूरी तक दाग सकती है.
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