रतलाम में जल्द बनेगा एयरपोर्ट, इंदौर की स्पेशलिस्ट टीम पहुंची बंजली
रतलाम में जल्द बनेगा एयरपोर्ट, इंदौर की स्पेशलिस्ट टीम पहुंची बंजली
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भोपाल: रतलाम में जल्द ही एयरपोर्ट बनाने के कयास लगाए जा रहे हैं. इंदौर विमानतल की स्पेशलिस्ट टीम रतलाम पहुंच कर जानकारी एकत्रित कर रही है. जब से इंदौर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना है. वहां यात्री विमानों की संख्या में इजाफा हुआ है. वहीं, इन विमानों को रात में रतलाम ठहराया जा सकेगा. इससे रतलाम, मंदसौर, बांसवाड़ा के लोगों को हवाई सुविधा मिल सकेगी. हवाई पट्टी के साथ आसपास बाधा नहीं होने से टीम के मेंबर को यह स्थान काफी सही लगा रहा है. टीम के सदस्यों द्वारा इस संबंध में रिपोर्ट तैयार की गई है.

स्पेशलिस्ट टीम में इंदौर विमानतल के असिस्टेंट जनरल मैनेजर संजय अग्रवाल समेत तीन सदस्य बीते बुधवार को बंजली हवाई पट्टी पहुंचे थे. इस टीम सदस्याें के पहुंचते ही सबसे पहले आसपास की ऊंचाई वाली बाधाओं पर नजर दौड़ाई गई है. दरअसल, कोई बाधा नहीं दिखी परन्तु सैलाना रोड की दूसरी और लगे बिजली के पोल को अंडरग्राउंड करने को लेकर बातचीत की गई, पाेल के आगे पवन चक्कियां दिखी तो उसे लेकर पूछताछ की. वहीं, एयरपोर्ट के लिए मौजूदा रन-वे की नपती भी की गई. बंजली हवाई पट्टी पर बड़े विमान को दौड़ाने के लिए 150-150 मीटर का रन-वे चाहिए, लेकिन अभी 100 मीटर में ही रन-वे है. टीम के साथ एसडीएम लक्ष्मी गामड़, तहसीलदार गोपाल सोनी भी थे. शहर विधायक चेतन्य कश्यप ने बताया है कि विकास के द्वार खुलेंगे. हम इस प्रोजेक्ट पर लगातार नजर रखे हुए हैं.

बड़े विमान उतारने के लिए रन-वे की लंबाई को 1.8 किमी किया जाएगा. जो कि अभी 1.2 किमी ही है. रतलाम की और एप्रिन, टर्मिनल के साथ पार्किंग बनाने पर चर्चा की गई है. चर्चा के अनुसार एयरपोर्ट की प्रारम्भ बंजली बायपास से हो जाएगी. वहां पार्किंग के पश्चात् अंदर प्रवेश होगा. रतलाम में नया एयर सर्किल बनने से नीमच, मंदसौर, झाबुआ, दाहोद के लोगों को बहुत ही सुविधा होगी. उज्जैन की दूरी इंदौर से अधिक नहीं होने से रतलाम को लेकर विचार किया जा रहा है. इससे इंदौर एयरपोर्ट पर दबाव कम होगा. रिपोर्ट के आधार पर नगरीय विमानन मंत्रालय चर्चा कर फैसला लेगा.

एयरपोर्ट बनने के पश्चात् यहां 200 केवीए बिजली की आवश्यकता होगी. इसे लेकर टीम सदस्यों ने अधिकारियों से पूछताछ की गई है. दरअसल, अधिकारियों ने बताया था कि मेडिकल कॉलेज को बिजली देने के लिए अलग से फीडर है. टीम के सदस्य उसके अतिरिक्त विकल्पों पर विचार करने का कहते रहे, उनका कहना था कि कॉलेज प्रबंधन से बिजली लेने में परेशानी होगी. हालांकि हमारी आवश्यकता कम है. 

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