नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी की एक कोर्ट से मानव तस्करी और सेक्स रैकेट मामले में 24 साल कैद की सजा पाने वाली गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन ने अपनी सजा के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायलय में याचिका दाखिल की है। नाबालिग लड़की के अपहरण, दुष्कर्म, बाल तस्करी और सेक्स रैकेट जैसे गंभीर अपराधों में दोषी ठहराई गई सोनू पंजाबन और उसके साथी संदीप बेदवाल को दिल्ली की एक कोर्ट ने जुलाई महीने में 24 वर्ष कारावास की सजा दी थी।
वहीं, संदीप को 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी। सोनू पंजाबन को पहले केस में सजा मिली है। द्वारका स्थित अतिरिक्त सत्र जज प्रीतम सिंह की कोर्ट ने सोनू पंजाबन और संदीप पर क्रमशः 64 और 65 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोंका था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि बच्ची ने इन आरोपियों की कैद में जो बर्दाश्त किया वह असहनीय था। यह मासूम बच्ची स्कूल जाने और खेलने की आयु में ना जाने कितनी जगह और कितनी बार बेची गई। कितनी बार इसके साथ दुष्कर्म हुआ। सोनू पंजाबन ने खुद एक औरत होते हुए ऐसे अपराध किए जिसे सुनकर किसी की भी रुह कांप जाए।
दरअसल, सोनू पंजाबन ने अतिरिक्त सत्र जज के सामने अपने पारिवार की स्थिति बताते हुए कहा था कि उसका एक नाबालिग बेटा है। उसके पति का क़त्ल हो चुका है। पिता की भी मौत हो चुकी है। घर में एक बुजुर्ग मां है और दो भाई हैं। उनमें से एक भाई घर छोड़कर चला गया है, जबकि दूसरे को एड्स की बीमारी है। पूरे परिवार के पालन पोषण का जिम्मा उसके ही कंधों पर है। इस पर कोर्ट ने सोनू पंजाबन की दलीलों को खारिज करते हुए कहा था कि उसके कृत्य इतने घिनौने हैं कि परिवार जैसे शब्द उसके मुंह से अच्छे नहीं लगते।
क्या बंद होने वाले हैं 2000 रुपए के नोट ? RBI ने दिया बड़ा बयान
पेट्रोल और डीजल के रेट में नहीं है कोई बदलाव, जानें आज का दाम
पांच दिन लगातार टूटने के बाद आज फिर बढ़े सोने के भाव, चांदी लुढ़की