शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोगों से एक विशेष गुजारिश की है. जिसके तहत उन्होने जनता से कहा कि वे अपने व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर संविधान और उसके मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट हों. सोनिया ने दावा किया कि संवैधानिक मूल्यों को एक गहरी साजिश के तहत निशाना बनाया जा रहा है.
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कानून के विरोध को लेकर गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सोनिया ने कहा, 'यह हर नागरिक का दायित्व है कि वह संविधान की रक्षा करने और देश की एकता को मजबूत करने की दिशा में कार्य करे. लोगों को धर्म, क्षेत्रवाद और भाषा के नाम पर बांटने की कोशिश की जा रही है. देश में अशांति, भय और असुरक्षा का एक अभूतपूर्व वातावरण तैयार कर दिया गया है. आम आदमी यह सोचने लगा है कि मौजूदा सरकार के हाथों में संवैधानिक मूल्य अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं.'
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि वर्तमान केंद्र सरकार अपनी आर्थिक नाकामियों, प्रशासनिक विफलता, आसमान छूती महंगाई, हर तरफ मंदी के माहौल और बढ़ती बेरोजगारी से लोगों का ध्यान हटाने के लिए माहौल खराब करने का काम कर रही है. सोनिया ने कहा, संविधान का हर अक्षर महज छपा हुआ एक शब्द भर नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक के लिए जीता-जागता एक दर्शन है. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर मचे बवाल के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के लोगों, खासकर युवाओं को नसीहत दी है. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि किसी मुद्दे को लेकर आंदोलन में अहिंसा के रास्ते पर चलना जरूरी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंसा से कभी कोई लक्ष्य हासिल नहीं होता.
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