कहीं आप अकेले रहना तो नहीं चाहते
कहीं आप अकेले रहना तो नहीं चाहते
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अगर आप अकेले रहना चाहते, तो कोई भी आपको नहीं रोकता लेकिन जब आपकी शादी हो गई और उसके बाद आप अकेले रहना चाहते हैं, तो यह एक समस्या है। आपके बच्चे हो गए और आप अकेले रहना चाहते हैं, तो यह एक बड़ी समस्या है। आपके पास एक नौकरी है, आप उस नौकरी से पैसे कमाना चाहते हैं लेकिन आप अकेले रहना चाहते हैं, तो फिर तो समस्याएं ही समस्याएं हैं। अगर आप सिर्फ अकेले रहना चाहते हैं, तो कौन आपको रोक सकता है? इस देश में अब भी काफी जगह है, जहां आप जाकर अकेले रह सकते हैं। आप शादी कर लेते हैं और फिर कहते हैं कि “मैं अकेले रहना चाहता हूं”। ऐसा नहीं चल सकता। आप बच्चे पैदा करते हैं और फिर कहते हैं कि मैं अकेले रहना चाहता हूं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं चलेगा।

आप अकेले रहना क्यों चाहते हैं? क्योंकि आपको लगता है कि अकेले रहने पर आपको शांति मिलेगी। आप और क्या चाहते हैं? आप सिर्फ यही चाहते हैं न। आप ये जान लीजिए कि अगर आप जंगल में भी जाएं, तो आप अकेले नहीं होंगे। कीड़े-मकोड़े आपको नहीं छोड़ेंगे। आप कभी जाकर जंगल में रह कर देखिए- सोने से पहले आपको अपने कानों को भी बंद करना पड़ेगा वर्ना सुबह तक कोई आपके कानों में घर बना जाएगा।

अगर आपने कान बंद कर लिए तो आप हाथी के आने की आवाज नहीं सुन पाएंगे। अगर कान बंद नहीं किए, तो उसके अंदर कीड़े रेंगने लगेंगे। आप एक जंगल में रहने की दिक्कतें नहीं जानते। जो लोग कभी जंगल में जाकर नहीं रहे हैं, वही कहते हैं कि जंगल में रहना कितना शांतिपूर्ण है। यह आसान बात नहीं है। हमने जंगल से निकल कर शहर और नगर इसीलिए बसाए क्योंकि हमें वहां रहना मुश्किल लगा। हमें लगा कि यहां रहना थोड़ा आसान होगा, इसलिए हम यहां आए। अब आप अकेले रहने की बात कर रहे हैं। आप अकेले रहने में सक्षम नहीं हैं। अकेले रहने की बहुत बड़ी कीमत देनी होती है – खुद से सबकुछ करना और जिंदगी चलाना, इसके लिए कीमत चुकानी पड़ती है।

चाहे आप कहीं भी जाएं, आप अकेले नहीं होंगे क्योंकि जीवन का कोई न कोई रूप वहां आपके साथ होगा जो आपको परेशान करेगा। अगर आप वाकई अकेले रहना चाहते हैं, तो अकेले रहने का एक ही सही तरीका है- कि आप सभी चीजों को अपना हिस्सा बना लें। अकेले रहने का कोई दूसरा तरीका नहीं है। आपको सिर्फ यही करना है। अपने आस-पास के लोगों को समस्या मान कर उनसे बचने की बजाय, बस उन्हें अपने एक हिस्से के रूप में शामिल कर लें। आप कहेंगे कि “अरे! आप मेरी सास को नहीं जानते..”। ठीक है, मान लीजिए आपकी कानी उंगली में चोट है, दर्द है। आपका कोई एक अंग चोटिल या खराब हो गया है, तो क्या हुआ? इस वक्त आपके शरीर का हर अंग क्या बिल्कुल सही हालत में है? या तो आपके बालों में कोई समस्या है, या फिर कहीं से त्वचा निकल रही है, कुछ न कुछ हो रहा है। छोटी-मोटी चीजें क्या नहीं होती रहती हैं? ठीक उसी तरह, जब आपके पास एक बड़ा शरीर होगा, तो उसके कुछ अंग खराब भी होंगे, कुछ ठीक होंगे, कुछ अंग गरम होंगे तो कुछ ठंडे होंगे। यह चलता रहता है।

जब आप हर चीज को अपना ही हिस्सा बना लेंगे, सिर्फ तभी आप अकेले हो सकते हैं। अगर आप अपने आस-पास के लोगों से बचेंगे, तो आप कभी अकेले नहीं हो सकते, चाहे आप कहीं भी चले जाएं। ऐसा भूल से भी न करें, क्योंकि नतीजे में आपको सिर्फ निराशा मिलेगी, कुछ और नहीं क्योंकि यह एक अवास्तविक या नामुमकिन रास्ता है। आप शारीरिक रूप से अकेले नहीं हो सकते। आप जहां भी जाएंगे, वहां कुछ न कुछ होगा, अगर इंसान नहीं तो दूसरे जीव होंगे। खुद आपके भीतर अरबों जीव पल रहे हैं, आप अकेले होने के लिए क्‍या उन सब को बाहर निकाल फेकेंगे? वे तो आपके भीतर अपना कोलाहल जारी ही रखेंगे। तो शारीरिक रूप से आप अकेले नहीं हो सकते। जब आप सब चीजों को अपने अंदर शामिल कर लेंगे, तभी आप अकेले हो पाएंगे। यही तरीका हम आपकी जिन्दगी में लाने की कोशिश कर रहे हैं। अपने आस-पास के लोगों से बचने की बजाय उन्हें स्वीकार करें और उन्हें अपना एक हिस्सा बना लें। फिर वहां सिर्फ आप हैं। तब कोई भी आदमी आपके लिए समस्या नहीं होगा, क्योंकि हर कोई आपका हिस्सा होगा। जब आप सभी चीजों को अपने हिस्से के रूप में शामिल कर लेते हैं, तो सिर्फ आपका अस्तित्व होता है। यह जीने का एक अच्छा तरीका है।

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