पाकिस्तान के कुछ लोग नहीं चाहते मोदी का नूर फलक पर चमके
पाकिस्तान के कुछ लोग नहीं चाहते मोदी का नूर फलक पर चमके
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वाराणसी : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में वह संभावना है जिससे उनका नूर विश्व फलक पर चमक सकता है लेकिन पाकिस्तान में ऐसी ताकतें हैं जो नहीं चाहती हैं कि दोनों ही देशों के संबंध सुधरें। दोनों ही देशों के बीच मोहम्मत का पैगाम दिया जाना बेहद जरूरी है। दोनों देश में केवल दीवार है मगर दीवार के दोनों ओर अपने ही भाई बंधु हैं। यह सभी भूल रहे हैं। यह कहना था गज़ल सम्राट गुलाम अली का। 

गुलाम अली वाराणसी में संकट मोचन संगीत समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने एक होटल में चर्चा करते हुए कहा कि हिंदूवादी संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है। यदि घर में 4 बर्तन होंगे तो बर्तन टकराऐंगे जरूर। पठानकोट में जो हमला हुआ उसे लेकर गुलाम अली ने कहा कि आतंकी घटनाओं को लेकर एक कलाकार अधिक नहीं कह सकता है, एक कलाकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। 

लोगों को सुरों की सरहद को नहीं बांटना चाहिए। गुलाम अली का काशी आने के पहले जमकर विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीति का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए। संगीत समारोह को लेकर काफी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। गुलाम अली की सुरक्षा का भी व्यापक बंदोबस्त किया गया था। 

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