कर्कराज मंदिर- धार्मिक ग्रंथो व पुराणों के मुताबिक अष्टाविंशति के नाम से जाने जानी वाली यह तीर्थ यात्रा कर्कराज मंदिर से शुरू होती है।
इसे रेती घाट के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के मध्य से कर्क रेखा के गुजरने के कारण इस मंदिर को कर्कराज के नाम से जाना जाता हे । इस कर्कराज मंदिर का अत्याधिक महत्व हे इस मंदिर में लगा एक स्तंभ यह दर्शा रहा हे की सभी तीर्थयात्री भूखी माता मंदिर के सामने से यहाँ पहुँचेंगे या फिर नृसिंह घाट के किनारे-किनारे से यहाँ पहुँच पाएगें।
केदार मंदिर - छोटी रपट के पास स्थित यह मंदिर केदारेश्वर महादेव जी का मंदिर है जो पुराणों में प्रसिद्ध 84 महादेव मंदिरों में से एक माना गया है। इसी मंदिर में एक छोटा-सा प्राचीनतम कुंड है।
करते हैं यह मंदिर अष्ट तीर्थयात्रा का महत्वपूर्ण स्थान माना गया हे इस मंदिर का स्थान 84 महादेव में 49 स्थान में हे। बहुत दूर दूर से भक्त लोग इस स्थान के दर्शन करने आते हे केदारेश्वर महादेव के दर्शन करने से उनके मन की हर एक कामना पूर्ण होती हे उज्जैन के इस प्रसिद्ध मंदिर की महानता अदभूत है।
सोम मंदिर - यह प्रसिद्ध मंदिर अष्ट तीर्थयात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थान माना गया है सोमवती अमावस्या के दिन सोम तीर्थ में स्नान करने का अत्याधिक महत्व है लोग बड़ी ही श्रद्धा व विश्वास के साथ जाते है जिससे उनकी हर एक कामना पूर्ण होती है।