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छत्तीसगढ़/रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा) ने गर्मियों की आंख मिचौली व लो-वोल्टेज की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाला कूलर विकसित किया है। सौर ऊर्जा से चलने वाला यह कूलर दिन में स्वत: ही सौर ऊर्जा के सहारे चलेगा, वहीं रात के समय यह सौर ऊर्जा से ही चालित बैटरी से कार्य करेगा। क्रेडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एस.के. शुक्ला ने वीएनएस से चर्चा में बताया कि सौर ऊर्जा से चलने वाला यह सोलर कूलर दुकानों, गुमटियों व कार्यालयों के लिए काफी उपयोगी है।
उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में जहां तापमान 45-46 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है, वहीं विद्युत कटौती, लो-वोल्टेज और विद्युतविहीन क्षेत्रों में यह कूलर अत्यंत उपयोगी होगा।
शुक्ला ने सोलर कूलर की कार्यप्रणाली के बारे में बताया कि यह सोलर कूलर वस्तुत: एक बैटरी पावर्ड डीसी कूलर है। इसमें 12 वोल्ट/40 एएच की बैटरी लगी है। इसकी चार्जिग क्षमता के लिए 75 वॉट क्षमता का सोलर पैनल लगाया गया है।
उनके मुताबिक, दिन के समय कूलर सीधे सोलर पैनल से प्राप्त विद्युत से संचालित होगा, जबकि रात के समय बैटरी जो कि सौर ऊर्जा से ही चार्ज होगी, से संचालित होगा। सोलर कूलर 10,000 से 12,000 हजार रुपये में उपलब्ध है।
शुक्ला ने आगे बताया कि इस कूलर में सोलर प्लांट भी लगा है। कूलर के साथ-साथ इसका इस्तेमाल सोलर प्लांट के रूप में भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सोलर प्लांट की लाइफ 25 साल है।
बताया जाता कि पहले इसे शौकिया तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन अब इसके तकनीकी पक्ष को अपडेट करते हुए पहली बार नए सिरे से पेश किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसे कमरे के आकार, खिड़की के आकार और हवा की दिशा के हिसाब से लगाना पड़ता है। उनका कहना है कि सरकारी कार्यालयों और अन्य कार्यालयों में इसे लगवाने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।