जम्मू: जम्मू-कश्मीर में बॉर्डर पर तैनात सेना के जवानों के लिए दुश्मन के साथ ही बर्फीले तूफान सबसे बड़े शत्रु बने हुए हैं. बीते दो महीनों के दौरान सीमावर्ती इलाकों में आए कई बर्फीले तूफानों में आर्मी के 10 जवान शहीद हो चुके हैं, जबकि 5 अन्य जख्मी हुए हैं. सोमवार की सुबह शुरू हुई बर्फबारी से एक बार फिर कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में बर्फीले तूफानों का खतरा मंडराने लगा है. इसके लिए प्रशासन ने एवलांच अलर्ट भी जारी कर दिया है.
जम्मू कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर तैनात आर्मी के जवानों को बर्फीले तूफानों से बचने और तूफान आने पर अपने लोगों के साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले आम लोगों को बचाने के लिए खासतौर से ट्रेनिंग किया जाता है. सीमावर्ती इलाकों में प्रत्येक आर्मी पोस्ट पर ऐसे जवान तैनात किए जाते हैं, जो विशेष तौर से बर्फीले तूफानों में अपने साथियों के साथ ही आम लोगों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहते हैं.
3 दिसंबर को इसी क्षेत्र में सेना के दो पोस्ट बर्फीले तूफान की चपेट में आए थे, जिसमें आर्मी के 4 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, 4 लोगों को सेना की काफी मशक्कत के बाद बचाया गया. बर्फीला तूफान एक ऐसी आपदा है जिसके बारे में भविष्यवाणी करना बेहद कठिन भी होता है और नामुमकिन भी. इसलिए सेना के जवानों को बर्फीले तूफानों से बचने के लिए खासतौर पर प्रशिक्षण दिया जाता है.
अमित शाह की बैठक में बड़ा फैसला, Air India के रुचि पत्र और शेयर खरीद-बिक्री समझौते को मिली मंजूरी
2020 में आमिर बनने के लिए अपनाये यह तरीके, हो जायेंगे मालामाल
Budget 2020: अगला दशक होगा भारतीय उद्यमियों का, इंडस्ट्री के साथ चलेगी भारतीय सरकार