देहरादून: उत्तराखंड में बीते शुक्रवार यानी 17 जनवरी 2020 को मौसम ने फिर करवट बदल चुका है. वहीं दोपहर बाद गढ़वाल और कुमाऊं सभी जगह बर्फबारी हुई. पहाड़ में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश के कारण मौसम में ठंडक बढ़ गई है. वहीं, चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के कई गांव बर्फ के आगोश में हैं. कई जगह रास्ते बंद होने से भी गांव का मुख्य मार्गों से संपर्क कट गया है. चमोली जिले में बारिश और बर्फबारी एक बार फिर लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ग्राम पंचायत तपोवन, पाणा, ईराणी, धार कुमाला, झिंझी, दुर्मी, पगना, बमयाला, मोहन खाल, नेल, नौली, डांडा, परवाणी, सेंड, चौरुडा मल्ला, बीना . रोहिडा , मजाणी, पज्याणा, घंडियाल, पंचाली, जिससे गांवों का जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बर्फबारी से जिले में पांच सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. बदरीनाथ हाईवे हनुमान चट्टी से आगे दोबारा बर्फ से बंद हो गया है, जबकि मलारी हाईवे भी सुरांईथोटा से आगे बर्फ जमने से बंद हो गया है. साथ ही चमोली-मंडल-ऊखीमठ, घाट-रामणी और बिरही-पगना सड़कें भी बर्फ से बंद हो गई हैं. बदरीनाथ धाम में लगभग आठ और हेमकुंड साहिब में दस फीट तक बर्फ जम गई है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि बदरीनाथ धाम में पेयजल लाइनों पर पानी जम गया है. यहां रह रहे बीकेटीसी के कर्मचारी और सुरक्षा कर्मी बर्फ पिघलाकर खाना बना रहे हैं.
वहीं रुद्रप्रयाग के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से आमजन की दिनचर्या भी व्यापक रूप से प्रभावित हो गई है. ठंड के चलते लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं. बाजारों में भी चहलकदमी कम रही. उधर, केदारनाथ धाम समेत द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चोपता आदि क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई है. जनपद में 50 से अधिक गांव फिर से बर्फ के आगोश में आ गए हैं.
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