स्नेहा शर्मा ने अपने ख़्वाबों को किया साकार, बनी भारत की सबसे तेज़ फॉर्मुला रेसर
स्नेहा शर्मा ने अपने ख़्वाबों को किया साकार, बनी भारत की सबसे तेज़ फॉर्मुला रेसर
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स्नेहा शर्मा अपने जज़्बे से भारत की सबसे तेज़ रेसर का खिताब जीत चुकी हैं. स्नेहा मुंबई में रहती हैं. वह पेशे से पायलट हैं. यदि बात करे इसके जीवन में संघर्ष की तो इन्होने 16 साल की उम्र से रेसिंग की शुरुआत की थी. जबकि आज वह महीने के 15 दिन विमान उड़ाती हैं और 15 दिन अपनी रेसिंग के जुनून को पूरा करती हैं. स्नेहा अबतक 40 इंटरनेशनल रेसिंग में अपनी रफ्तार से कई कप पर अपनी जीत हासिल कर चुकी हैं. वही कोलकाता में जन्मीं स्नेहा शर्मा की परवरिश मुंबई में हुई है. बचपन से ही तेज़ रफ्तार में दौड़ती गाड़ियों को चलाने का शौक था. वही10वीं क्लास से ही पॉकेटमनी से प्रोफेशनल रेसिंग देखने जाया करती थीं. एक दिन स्नेहा ने दो प्रोफेशनल रेसर से ट्रेनिंग देने की अपील की. रेसिंग सीखने के पश्चात स्नेहा ने सिटी लेवल रेस में हिस्सा लिया था, इसके पश्चात् उन्हें नेशनल रेसिंग टीम ने चुना गया. 

बचपन से ही रेसिंग को करियर बनाने के फैसले पर परिवार वाले उनके इस जुनून के पक्ष में नहीं थे. माता-पिता का मानना था कि स्नेहा का ये शौक खतरनाक है और उन्हें इस उम्र में सिर्फ पढ़ाई पर ही ध्यान देना चाहिए. स्कूल के पश्चात् स्नेहा को फैमिली ने पायलट ट्रेनिंग के लिए सैन फ्रांसिस्को भेजा गया. ट्रेनिंग के बीच स्नेहा अपने बैच की अकेले प्लेन उड़ाने वाली ट्रेनी बनीं थी. वही साल 2011 में लाइसेंस लेने के पश्चात् स्नेहा भारत आईं. वही पायलट बनने के बाद भी रेसिंग में रुचि होने के कारण उन्होंने रेसिंग ट्रेक पर मैकेनिक, रेसर्स के सामान उतारने और ट्रेनिंग देने जैसे काम किए.

पायलट लाइसेंस लेने के पश्चात् स्नेहा इंडिगो एयलाइन्स में बतौर पायलट शामिल हुईं थी. पहली बार विमान उड़ाया तो वो मात्र 20 साल की थीं. नौकरी मिलने के पश्चात् फिर एक बार स्नेहा ने छोटी- छोटी रेसिंग में हिस्सा लेना शुरू कर दिया. 2010 में स्नेहा ने भारत के 20 चुनिंदा रेसरों के साथ चेन्नई और कोयम्बटूर के रेसिंग ट्रैक में अपनी रफ्तार दिखाई थी. वे फॉक्सवैगन सोलो कप और टोयोटा ईएमआर में भी हिस्सा ले चुकी हैं. एक बार स्नेहा से खुश होकर फॉर्मुला 1 के रेसर माइकल शुमाकार ने उन्हें अपना साइन की हुई मॉडल कार गिफ्ट की थी. पिछले साल मलेशिया में हुए लेड़ीज़ कप इंटरनेशनल में दुनिया भर की 600 महिला रेसर सम्मलित हुई थीं. वही स्नेहा इस रेस में अकेली भारतीय रेसर थीं. अपने बेहतरीन प्रदर्शन से स्नेहा ने इस रेस में दूसरा मुकाम हासिल किया हैं.  

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