बड़ौदा जिले के मांजलपुर गाँव में, जहाँ पर है एक चमत्कारी समाधि. यह समाधि किसी महापुरुष या संत की नहीं बल्कि एक नाग और उसकी प्रियसी नागिन की है. एक बार रास्ते में किसी काऱ ने इस नाग नागिन के जोड़े में से नागिन को कुचल दिया. नाग इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सका और उसने वहीं सड़क पर अपना फन पटक-पटक कर अपनी जान दे दी. तो कुछ लोगो ने वह उनकी समाधि बनाने की सलाह दी. कहते हैं कि समाधि देने के दूसरे ही दिन यहाँ एक विस्फोट हुआ और समाधि की मिट्टी 2 से 3 फुट अंदर तक जमीन में धँस गई जिसे आज भी एक चमत्कार माना जाता है.
इस मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहाँ आए दिन चमत्कार होते रहते हैं.उन्होंने कहा कि सात वर्ष पूर्व जब यहाँ एक श्रद्धालु ने नारियल फोड़ा तो उसमें से दो गोले निकले वहीं एक अन्य श्रद्धालु द्वारा चढ़ाए गए नारियल पर दो आँखें चित्रित नजर आईं तो इसे नाग देवता का चमत्कार मानकर मंदिर में ही श्रद्धापूर्वक स्थान दे दिया गया.
नाग-नागिन के इस प्रेम रूपी स्मारक में लोगों की आस्था बस गई है. दूर-दूर से श्रद्धालु यहाँ मन्नत माँगने आते हैं और उनका विश्वास है कि ये नाग-नागिन का जोड़ा उन्हें कभी निराश नहीं करता. पारिवरिक सुख-समृद्धि, व्यापार में सफलता से लेकर सूनी गोद भरने जैसी हर इच्छा की पूर्ति के लिए लोग यहाँ आते हैं.