आप सभी को बता दें कि आज सीता अष्टमी है. ऐसे में आज व्रत रखने से दांपत्य जीवन सुखद हो जाता है. इस पर्व को जानकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है जो इस साल 25 और 26 फरवरी को मनाई गई है. आइए आज हम आपको बताते हैं इस व्रत की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त.
सीता अष्टमी पूजन विधि - इसके लिए सबसे पहले सुबह स्नानादि के बाद माता सीता तथा भगवान श्रीराम की पूजा करें. अब उनकी प्रतिमा पर श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं इसके बाद दूध और गुड़ से बने व्यंजन बनाकर दान करना चाहिए. इसी के साथ शाम को पूजा करने के बाद बनाए गए व्यंजन से ही व्रत खोलना चाहिए.
सीता अष्टमी मुहूर्त - 26 फरवरी 2019, मंगलवार
अष्टमी तिथि प्रारंभ – 26 फरवरी 2019 को 02:16 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त – 27 फरवरी 2019 को 02:50 बजे
निर्णय सिंधु पुराण के अनुसार-
फाल्गुनस्य च मासस्य कृष्णाष्टम्यां महीपते।
जाता दाशरथे: पत्नी तस्मिन्नहनि जानकी॥
- यानी फाल्गुन कृष्ण अष्टमी के दिन प्रभु श्रीराम की पत्नी जनकनंदिनी प्रकट हुई थीं। इसीलिए इस तिथि को सीता अष्टमी के नाम से जाना जाना जाता है।
आप सभी को बता दें कि महाराज जनक की पुत्री विवाह पूर्व महाशक्ति स्वरूपा थी और विवाह पश्चात वे राजा दशरथ की संस्कारी बहू और वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम के कर्तव्यों का पूरी तरह पालन किया. इसी के साथ उन्होंने अपने दोनों पुत्रों लव-कुश को वाल्मीकि के आश्रम में अच्छे संस्कार देकर उन्हें तेजस्वी बनाया इस कारण से माता सीता भगवान श्रीराम की श्री शक्ति है. कहते हैं सीता अष्टमी का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण व्रत है और शादी योग्य युवतियां भी यह व्रत कर सकती है, जिससे वह एक आदर्श पत्नी बन सकें. इसी के साथ यह व्रत एक आदर्श पत्नी और सीता जैसे गुण हमें भी प्राप्त हो इसी भाव के साथ रखा जाता है और अष्टमी का व्रत रखकर सुखद दांपत्य जीवन की कामना कर सकते हैं.
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