भोपाल जेल के हालातों को लेकर दो साल पहले किया था आगाह
भोपाल जेल के हालातों को लेकर दो साल पहले किया था आगाह
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भोपाल : सिमी के 8 आतंकियों के भोपाल की सेंट्रल जेल से फरार होने और एनकाउंटर को लेकर सरकार सवालों के घेरे में है. यह कम खेदजनक बात नहीं है कि भोपाल सेन्ट्रल जेल के हालातों यानी जेल की कमजोरियों, खराब सुरक्षा व्यवस्था और कर्मचारियों की कमी के बारे में तत्कालीन आईजी (जेल) ने दो साल पहले ही मध्य प्रदेश सरकार को आगाह कर दिया था, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया. नतीजा सामने है.

अंग्रेजी अख़बार इन्डियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार पूर्व आईजी जीके अग्रवाल ने बताया कि 26 जून, 2014 को उन्होंने राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव को पत्र लिखा था. जीके अग्रवाल के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और खुफिया ब्यूरो भी इस बात से अवगत थे. उन्होंने बताया कि चेतावनी का कुछ नहीं हुआ, जबकि कुछ महीने पहले ही 2013 में खंडवा की जेल से 6 सिमी आतंकी फरार हुए थे. अग्रवाल ने यह भी कहा कि उन्होंने अधिकारियों के साथ एक बैठक करने की मांग की थी कि कैसे भोपाल या अन्य जेलों में होने वाली इस तरह की घटनाओं को रोका जाए? लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.

बता दें कि अग्रवाल के पत्र में जेल की खामियों को विस्तार से बताया गया है. अभी अन्य जेलों से सिमी आतंकियों को भोपाल सेंट्रल जेल में रखा गया है, लेकिन जेल की इमारत कमजोर है, यहां की सुरक्षा व्यवस्था में कमी हैं और कर्मचारियों की स्थिति भी चिंतनीय है. अग्रवाल का कहना था कि यह मानना सही नहीं होगा कि सब कुछ ठीक है. उन्होने स्टाफ की कमी का मुद्दा भी उठाया था और कोई बड़ी घटना नहीं होने के लिए भगवान भरोसे नहीं रहने की भी बात कही गई थी.

सामने आया एनकाउंटर का एक और...

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