उज्जैन/इंदौर: उज्जैन शहर में गुरूवार को हुई जोरदार बारिश से जहां शहर का जनजीवन प्रभावित हुआ वहीं सिंहस्थ 2016 के आयोजन में बड़ी परेशानी हुई. अचानक मौसम में आए बदलाव से लोग मुश्किल में आ गए. तो दूसरी ओर तेज़ आंधी के चलते साधु-संतों के पांडाल पर असर हुआ है। हालात ये रहे कि साधु संतों क भव्य पांडाल की दीवारें तिनके की तरह बिखर गईं और हवा में लहराने लगीं।
हालांकि अखाड़ों में मौजूद शिष्यों, सेवकों ने पांडालों में मौजूद लोगों और संतों को एक ओर किया मगर बेमोसम बारिश से काफी नुकसान हुआ है. सिंहस्थ मेला क्षेत्र में जहां बारिश के पानी से कीचड़ पसर गया है वहीं भव्य पांडालों को नुकसान हुआ है तो दूसरी ओर सिंहस्थ के दौरान बनाए गए विशाल मंदिरों को भी क्षति हुई है. बारिश से मेला क्षेत्र बदहाल हो गया है. बेमौसम बारिश होने पर कई श्रद्धालु भीगते रहे तो कुछ ने पांडालों के शेड और सड़क किनारे लगे शेड्स के नीचे खड़े होकर खुद को भीगने से बचाया वहीं तेज हवा चलने के कारण पांडालों में अव्यवस्था फैली। खबर मिली है कि भारी बारिश और तेज आंधी से सिंहस्थ में काफी नुकसान हो गया है। साधु-संतों के कई पंडाल गिर गए हैं साथ ही एक साधु और तीन महिलाओं समेत 7 लोगों की मौत होने की खबर है और 80 से ज्यादा लोग घायल हैं।
उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ के आयोजन को लेकर प्रशासन द्वारा करोड़ों रूपए लगाकर इंतजाम किए गए हैं मगर बारिश से मेला क्षेत्र में अव्यवस्था फैल गई. यह अव्यवस्था ऐसे समय फैली है जब शुक्रवार को अमावस्या का पर्व स्नान होना है।
अब प्रशासन के लिए एक बड़ी परेशानी यह है कि वह घाटों की सफाई करे, साधु - संतों के पांडालों को व्यवस्थित करे या शिप्रा नदी में मिल रहे ड्रेनेज वाॅटर को पहले रोके। जिस पर लाखों श्रद्धालुओं के लिए किए जाने वाले इंतजाम और बाकी हैं। जो मैदान कीचड़ से पसर गए हैं उन्हें भी प्रशासन को व्यवस्थित करना होगा। जो कि काफी जटिल है।