2016 में होने जा रहे इस बहुत ही बड़े धार्मिक कार्य सिंहस्थ कुंभ में स्नान करने का अत्याधिक महत्त्व है. इस कुंभ में जो भी व्यक्ति आस्था के साथ डुबकी लगाएगा उसकी हर मन्नत पूरी होगी चाहे वह किसी भी जाती धर्म , संप्रदाय का क्यों न हो बस महत्त्व तो आपकी आस्था का है इस कुंभ में स्नान के लिए देश - विदेश से बहुत से लोग संत महात्मा आ रहे है. साथ ही साथ इस बार दुनियाभर के किन्नर भी आयेगें और सामूहिक स्नान करेंगे।
उज्जैन में होने जा रहे इस सिंहस्थ में आने वाले किन्नरों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था रहेगी। इस पूरे कुंभ मेले के लिए व्यवस्थाएं की जा रही है.साथ ही साथ लोगो के लिए उचित व्यवस्थाएं की जा रही है .बहुत सी योजनाओ को शुरू किया जा रहा है . जिससे किसी प्रकार की कोई समस्या न उत्पन्न हो.
इस उज्जैन शहर से करीब 13 किमी की दूरी पर हासामपुरा स्थित जैन तीर्थ के समीप ऋषि अजयदास महाराज दो एकड़ जमीन पर आश्रम बनवा रहे हैं। इसमें आध्यात्मिक गतिविधियों का संचालन होगा। महाराज श्री के विश्व में करीब 5 हजार किन्नर अनुयायी हैं। इनके उत्थान के लिए वे अनेक वर्षों से कार्य कर रहे हैं।
सभी किन्नर समुदाय को धार्मिक परम्परा को अपनाते हुए इस बार सिंहस्थ में शाही स्नान पर करीब 500 किन्नरों की पेशवाई निकालने की योजना बनाई जा रही है। इस सिंहस्थ कुंभ में ये किन्नर सामूहिक स्नान करेंगे। ऋषि अजयदास के अनुसार कहा जा रहा है की ये किन्नर समाज का अंग होने के बावजूद भी उपेक्षित रहे हैं। इस किन्नर समुदाय के उत्थान के लिए आज तक कोई संत आगे नहीं आता है। उज्जैन भारतीय धर्म-संस्कृति का श्रेष्ठ स्थान है, इसलिए किन्नरों के उत्थान के लिए इस भूमि का चयन किया है।