समस्याओं का समाधान  साधनों में नहीं साधना में निहित है
समस्याओं का समाधान साधनों में नहीं साधना में निहित है
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इस मानव जगत में हर कोई किसी न किसी समस्या में उलझा हुआ सा है. उसकी हर सुबह कोई नया रंग लेकर आती है. उसके जीवन का हर दिन उसे किसी न किसी रूप में कोई संदेश देता है। जिससे व्यक्ति उस सन्देश के प्रति उदासीन रहता हैं। हम अपने जीवन की किसी न किसी समस्या को दूर करने के लिए कोई न कोई साधन जुटाते है. और पाते है की किसी और चीज को लेकर कोई नई समस्या बन गई है.

हम यह मानते हे की साधनों से ही समस्या दूर होती है. पर ऐसा जरूरी नहीं है. कई बार यदि हमारा कोई कार्य नहीं बनता तो हम यह सोच बैठते है. की हमारे पास उस कार्य सम्बन्धी साधन नहीं है. साधन का न होना यह मानकर अशक्त हो जाते है. निराशा को अपनाते है. जिससे हमारे कार्य अपूर्ण रह जाते है. और हम समस्या पे समस्या का सामना करने लगते है. पर ऐसा नहीं है.

पुराने जमाने में बहुत से साधन नहीं थे तो क्या उनके जीवन के हर कदम में समस्या थी. नहीं वे साधन के न होने के बाबजूद भी हमसे कहीं बेहतर जीवन व्यतीत करते थे. आज इस जगत में जितने साधन है .उतनी समस्या बढ़ती जा रही है. हम जानते है.  की इस प्रगतिशील युग में साधनों की जरुरत है. जो हमें कम समय में अच्छा परिणाम देते है. पर ऐसा नहीं की हम अपने जीवन को साधनों के ही जरिये व्यतीत करें.

हमें किसी कार्य को करने के लिए पहले विचार विमर्श करना चाहिए संभव हो तो खुद से करें. हर जगह साधनों का उपयोग न करें व्यक्ति के मन की साधना उसे उसके सम्पूर्ण जीवन के लिए शक्ति प्रदान करती है . हम आज अपने घर से लेकर बहार तक के प्रत्येक छोटे से छोटे काम को साधनों के माध्यम से ही पूर्ण करने की कोशिश करते है. जिससे हमारा शरीर सुकमार सा हो जाता है. जीवन अशक्त हो जाता है. शारीरिक स्फूर्ति कम हो जाती है .और जीवन में बीमारी के शिकार हो जाते है. और नई नई समस्या का सामना करने लगते है .

पुराने ज़माने के या आप अपने पूर्वजों को देखते ही होंगे की वे आरोग्य  दीर्घ आयु  प्राप्त करते थे. उनके जीवन में कोई शारीरिक समस्या नहीं होती  थी इसका मुख्य कारण उनके जीवन में मेहनत , संयम , नियम साधन ये सभी थे वे कम से कम साधनो का उपयोग कर बेहतर कार्य कर लेते थे. जिससे उनका शरीर स्वस्थ रहता था. आज का मानव देखो की यदि उसे दो कदम भी चलना है. तो वह बिना गाड़ी के नहीं चलता साथ ही साथ वह यह सोच लेता है. की लोग क्या बोलेंगें की इतना पैसे वाला आज पैदल चल रहा है. आज के लोग दिखावा में जीते है . साथ की साथ वे अपने शरीर को अकर्मण्य बनाते है.

जीवन में मेहनत , संयम साधना को धारण करने वाला कभी विफल नहीं होता उसके जीवन में समस्या नहीं आती यदि आ भी गई तो जल्द टल जाती है.

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