धूनी अर्थात जड़ीबूटी या होम सामग्री को अग्नि देकर धु-धु जलने की धीमी प्रक्रिया से है |मुख्यता भारतीय हिन्दू पूजा कर्मकांड के अन्तर्गत देवता और वास्तु को धूनी दी जाती है| अगरबत्ती लगाना या घर में लोबान,या गुगल जलाकर सुगंधित धुआं करना। भगवान को अगरबती लगाना या गुगल की धूप देना भी भारत में एक सामान्य पूजा कर्म है |
आइये जाने द्रव्यों की धूनी और उनसे होने वाले लाभ -
कर्पूर और लौंग
रोज़ाना सुबह और शाम घर में कर्पूर और लौंग जरूर जलाएं। आरती या प्रार्थना के बाद कर्पूर जलाकर उसकी आरती लेनी चाहिए। इससे घर के वास्तुदोष ख़त्म होते हैं।साथ में जीवाणु कीटाणु भी नही पनपते|
गुग्गल की धूनी
हफ्ते में 1 बार किसी भी दिन घर में कंडे जलाकर गुग्गल की धूनी देने से गृहकलह शांत होता है। गुग्गल सुगंधित होने के साथ ही दिमाग के रोगों के लिए भी लाभदायक है।
पीली सरसों धूनी
पीली सरसों, गुग्गल, लोबान, गौघृत को मिलाकर सूर्यास्त के समय उपले (कंडे) जलाकर उस पर ये सारी सामग्री डाल दें। नकारात्मकता दूर हो जाएगी। घर रोग मुक्त रहेगा |
नीम धूनी
घर में सप्ताह में एक या दो बार नीम के पत्ते की धूनी जलाएं। इससे जहां एक और सभी तरह के जीवाणु नष्ट हो जाएंगे। वही वास्तुदोष भी समाप्त हो जाएगा।
षोडशांग धूप धूनी
अगर, तगर, कुष्ठ, शैलज, शर्करा, नागर, चंदन, इलायची, तज, नखनखी, मुशीर, जटामांसी, कर्पूर, ताली, सदलन और गुग्गल, ये सोलह तरह के धूप माने गए हैं। इनकी धूनी करने से घर में समृद्धि आती है ,सुख,सुविधा और सम्पनता के साथ स्वस्थ बेहतर होता है|