कैलाश मानसरोवर पर होते है ॐ के दर्शन
कैलाश मानसरोवर पर होते है ॐ के दर्शन
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कैलाश मानसरोवर जहां का नाम सुनते ही मन में श्रद्धा और भक्ति की भावना जागृत हो जाती है. सूर्य की पहली किरणें जब कैलाश पर्वत पर पड़ती हैं. तो यह पूर्ण रूप से सुनहरा हो जाता है. इतना ही नहीं, कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान आपको पर्वत पर बर्फ से बने साक्षात ॐ के दर्शन हो जाते हैं. 

मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति मानसरोवर (झील) की धरती को छू लेता है, वह ब्रह्मा के बनाये स्वर्ग में पहुंच जाता है. और जो व्यक्ति झील का पानी पी लेता है, उसे भगवान शिव के बनाये स्वर्ग में जाने का अधिकार मिल जाता है. जनश्रुति यह भी है कि ब्रह्मा ने अपने मन-मस्तिष्क से मानसरोवर बनाया है. दरअसल, मानसरोवर संस्कृत के मानस (मस्तिष्क) और सरोवर (झील) शब्द से बना है. मान्यता है कि ब्रह्ममुहुर्त (प्रात:काल 3-5 बजे) में देवता गण यहां स्नान करते हैं.

ग्रंथों के अनुसार, सती का हाथ इसी स्थान पर गिरा था, जिससे यह झील तैयार हुई.  इसलिए इसे 51 शक्तिपीठों में से भी एक माना गया है. गर्मी के दिनों में जब मानसरोवर की बर्फ पिघलती है, तो एक प्रकार की आवाज भी सुनाई देती है. श्रद्धालु मानते हैं कि यह मृदंग की आवाज है. एक किंवदंती यह भी है कि नीलकमल केवल मानसरोवर में ही खिलता और दिखता है.

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