नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मई के दूसरे सप्ताह में श्रीलंका जाएगे. वहां इस दौरे को लेकर सोशल मीडिया पर ऐसी खबरे चल रही है कि श्रीलंका में कुछ क्षेत्रों का अधिग्रहण करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी करार करेंगे. इस बीच, राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा है, मोदी के दौरे में दोनों देशो के बीच कोई बाइलेटरल करार नहीं होगा. वे सिर्फ यूएन वेसाक डे में हिस्सा लेने आ रहे है, मै लोगो से अपील करता हू झूठी खबरों से गुमराह न हो कि भारत कोई सौदा कर हमारे देश मे क्षेत्र अधिग्रहण करेगा.
प्रधानमंत्री मोदी 12 से 14 मई श्रीलंका मे रहेंगे. एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, ईस्टर्न बट्टिकलोआ डिस्ट्रिक्ट के ओटामावड़ी मे सिरिसेना ने शनिवार को कहा, मोदी के दौरे के दौरान कोई करार नहीं होगा. हालांकि त्रिंकोमाली बंदरगाह पर स्ट्रैटजिक ऑयल स्टोरेज फैसिलिटी को संयुक्त रूप से ऑपरेट करने के ले भारत के साथ एक करार होना है, किन्तु इसमें श्रीलंकाई लोगो के आरक्षण को ध्यान मे रखा जाएगा.
बीते सप्ताह ही श्रीलंका की सरकारी पेट्रोलियम कम्पनी के कर्मचारियों ने इस करार के विरोध मे प्रदर्शन किया था. कोलंबो सरकार ने घोषणा की है कि यह भारत-श्रीलंका का जॉइंट वेंचर होगा और दोनों देश मिल कर दूसरे विश्व युद्ध के ऑयल टैंको को डेवलप करेंगे.
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