वाड्रा की बढ़ी मुश्किल, नोटिस में उलझा लैंड डील मसला
वाड्रा की बढ़ी मुश्किल, नोटिस में उलझा लैंड डील मसला
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चंडीगढ़ : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और उद्योगपति राॅबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों को लेकर न्यायमूर्ति ढींगरा कमीशन की नियुक्ति कर दी गई। इस कमीशन के गठन के बाद हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने वाड्रा की कंपनी स्काईलाईट हाॅस्पिटैलिटी के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन मामले में हरियाणा वैट एक्ट का उल्लंघन भी कंपनी द्वारा किए जाने का आरोप लगाया जा रहा है। वाड्रा की कंपनी को जो नोटिस जारी किया गया है उसमें कई गलतियों को सामने लाए जाने की बात कही गई है। उन पर टैक्स न चुकाने का आरोप लगाया गया है। कुछ सवालों के माध्यम से कंपनी को नोटिस भेजा गया है। 

जिसमें कहा गया है कि स्काईलाइट हाॅस्पिटैलिटी को टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की ओर से व्यावसायिक काॅलोनी बनवाने का लाईसेंस भी दिया गया था मगर जब लाईसेंस को डीएलएफ को बेचे जाने की बात सामने आई तो यह मसला उलझ गया। इस तरह के मसले पर राॅबर्ट वाड्रा ने कहा कि स्काईलाईट किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया। इस तरह की लेन-देन में यह बात भी कही गई है कि जो भी कार्य हुआ है वह सही तरह से हुआ है।

इस नोटिस में कुछ सवाल बहुत ही महत्वपूर्ण तरीके से उठाए गए हैं जिसमें कहा गया है कि डीएलएफ को जमीन किस कीमत पर दी गई। डीएलएफ को बेचे गए लाईसेंस नंबर केसी 1868 की वास्तविक कीमत क्या है। जमीन, लाईसेंस बेचने के बाद वैट जमा करने की जानकारी आखिर क्या है। 

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