आसाराम का शूटर पुलिस की गिरफ्त में, आसाराम के खिलाफ और भी कई राज खुल सकते हैं
आसाराम का शूटर पुलिस की गिरफ्त में, आसाराम के खिलाफ और भी कई राज खुल सकते हैं
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अहमदाबाद : बलात्कार के मामले में जेल की सजा काट रहे आसाराम की मुसीबते और बढ़ सकती हैं. क्यूंकि पुलिस नें आसाराम के शूटर को गिरफ्तार कर लिया हैं. जो आसाराम के खिलाफ गवाही देने वालो को एक-एक करके के मौत के घाट उतार रहा था. शूटर का नाम कार्तिक हैं.

ये मामला गुजरात एटीएस नें सुलझाया हैं. कार्तिक मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला था तथा वो आश्रम को अपना भगवान् मानता था. तथा आसाराम के प्रति उसका प्रेम भाव इतना था की उसने आसाराम के खिलाफ आवाज उठाने वाले हर व्यक्ति की हत्या करने का फैसला कर लिया और उसनें कई लोगो को मौत के घाट उतार भी दिया हैं. 

कार्तिक नें 9 जून 2014 को राजकोट में अमृत प्रजापति को गोली मार दी गई. अमृत प्रजापति वही शख्स है जो पहले आसाराम के वैद्य थे और उनके आश्रम में रहते थे. लेकिन फिर आसाराम की हकीकत जानने के बाद उन्होंने उनके खिलाफ कई मामलो में गवाही दी थी. उसके बाद जुलाई 2015 में 35 साल के कृपाल सिंह को शाहजहांपुर में गोली मारकर हत्या कर दी. ये भी आसाराम के खिलाफ टांसपोर्ट कंपनी की लड़की द्वारा दायर केस में महत्वपूर्ण गवाह थे. जनवरी 2015 में आसाराम के कई राज जानने वाले उनके रसोइये अखिल की गोली मारकर मुजफ्फरनगर में हत्या कर दी गई.

कार्तिक इतने में ही नही रुका उसनें लगातार कई वारदातों को अंजाम दिया जैसे की उसनें फिर 13 मई 2015 को पानीपत में महेंद्र चावला पर हमला किया गया, लेकिन वो बच गए. महेंद्र चावला न्यूज़ चैनल पर लगातार आसाराम के खिलाफ बोलते थे. 2104 में अहमदाबाद के लालजी ठाकोर पर बाइक सवारों ने हमला किया, लेकिन वो बच गए. लालजी भाई की जमीन आसाराम ने हड़प ली थी, जिसकी शिकायत लालजी ने की थी. दिसंबर 2009 में आसाराम के पूर्व साधक राजू चंडोक पर जानलेवा हमला हुआ था, जिसमे वो बच गया था. राजू ने आश्रम में हुए दो बच्चो की मौत पर जस्टिस डीके त्रिवेदी पंच में गवाही दी थी.

होशंगाबाद, मध्य प्रदेश के निवासी ओम प्रकाश प्रजापति और उनकी पत्नी सीमा प्रजापति पर भी जानलेवा हमला हुआ था. इन पर 8 राउंड फायरिंग की गई थी. ये दोनों आसाराम के छिंदवाड़ा आश्रम के वार्डन थे और आसाराम के कई राज जानते थे.

सूत्रों के अनुसार आसाराम के कुछ समर्थक ही आसाराम के सन्देश कार्तिक तक पहुचाते थे तथा कार्तिक को इस काम के लिए पैसा भी दिया जाता था. पुलिस कार्तिक से पूछताछ कर रही हैं तथा इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही हैं की आसाराम का इस मामले से कोई संबंध हैं या नही. इन हत्याओं को अंजाम देने के लिए कार्तिक ने दस तमंचे, तीन 12 बोर की पिस्टल, एक 9 एमएम की देशी पिस्टल, तीन 32 बोर देशी पिस्टल और 94 कार्टिज़ का उपयोग कीया था. कार्तिक इतना शातिर था कि अक्सर अपना नाम पता और मोबाइल नंबर बदलता रहता था. पुलिस इस मामलें की जांच भी कर रही हैं की कार्तिक को इस काम के लिए पैसा कोन देता था. और अभी तक वो कितने पैसे ले चूका हैं.

 

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