पैरों की त्वचा के साथ फ्रिक्शन की संभावना ज़्यादा होती है जिसके लिये सही से फिट न होने वाले जूते या चलने का गलत स्टाईल जिम्मेदार होता है. पैर के तलुवे पर एक ही बिन्दु पर लगातार दबाव पड़ने से कॉर्न और कॉलस विकसित हो जाते हैं त्वचा कड़ी हो जाती है और बाद में इसमें दर्द हो सकता है.
अपने पैरों को वैसे ही माइश्चराइज़ करें जैसे आप शरीर के अन्य हिस्सों की केयर करते हैं. पैरों के तलुवों को मुलायम रखने के लिये इनमें कोई ऑयल ग्लैंड्स नहीं होतीं इसलिये किसी क्रीम को नियमित लगाने का रूटीन बनाना ज़रूरी है. यदि आपके पैर अत्यन्त सूखे हैं और त्वचा कटी-फटी है तो रात में सोने जाने के वक्त किसी हैवी ड्यूटी मॉइश्चराईज़र या पेट्रोलियम जेली का अच्छी तरह प्रयोग करें और बेहतर अवशोषण के लिये इसे कॉटन सॉक्स से कवर करें.
1-यदि आपके पैर दर्द करते हैं तो आप इन्हें सी सॉल्ट मिले गुनगुने पानी में डुबो सकते हैं. इससे दर्द से राहत मिलती है और नर्व को आराम मिलता है.
2-हमारे पैरों में फंगल इंफेक्शन होने की संभावना ज़्यादा होती है और इससे बचाव के लिये हाइजीन का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है. पैरों को कभी भी गीला नहीं रखना चाहिये इन्हें अच्छी तरह से खासकर अंगूठों के बीच की जगह को सुखा लेना चाहिये. पैरों के नाखून नेल कटर की सहायता से सही तरह से काटने चाहिये.
3-यदि आपकी एड़ियों में दर्द हो तो हाई हील शूज से बचें क्योंकि इससे खिंचाव और दर्द ज़्यादा बढ़ सकता है.