महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रहा अब यह प्रदेश
महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रहा अब यह प्रदेश
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देहरादून : शांति लिए पहचाने जाने वाले प्रदेश में महिला अपराध की स्थिति भयावह है। इस पर यकीन करना मुश्किल है, लेकिन यह सच है कि यहां हर 16वें घंटे में एक महिला दुष्कर्म का शिकार होती है। इस वर्ष के शुरूआती 10 महीनों में कुल 438 महिलाएं-युवतियां दुष्कर्म का शिकार हुई हैं। इसमें प्रथम स्थान हरिद्वार जिले का है। दूसरे नंबर पर राजधानी देहरादून है। तीन वर्षों के तुलनात्मक आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में हर रोज एक महिला का अपहरण शारीरिक उत्पीड़न के लिए होता है। 

लगातार हो रही आकड़ों में बढ़ोतरी

प्राप्त जानकारी अनुसार बीते वर्षों में महिलाओं का उत्पीड़न रोकने के लिए कई दावे किए गए लेकिन यह आंकड़े दावों की पोल खोल रहे हैं। तीन वर्ष के तुलनात्मक आंकडे देखें तो हर वर्ष स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। वर्ष-2016 में महिलाओं के उत्पीड़न के 1795 मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष-2017 में इनमें 14 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई और यह आंकड़ा 2045 तक पहुंच गया।

सूत्रों की माने तो इस वर्ष इन आकड़ों में लगभग 24 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 31 अक्तूबर 2018 तक 2498 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा दहेज उत्पीड़न के 474 मामले दर्ज हैं। जबकि 438 महिलाओं से दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए हैं।

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