मुंबई : आप सभी ने ये कहावत तो सुनी होगी की "कर भला तो हो भला" लेकिन ये कहावत सुषमा स्वराज के उपर उलटी पड़ गयी है. इन दिनों सुषमा स्वराज का नाम भी विवादों में आ गया है. वैसे तो वे हमेशा वाद-विवाद से बचने का प्रयास करती है लेकिन कभी-कभी लेने के देने भी पड़ जाते है. सुषमा स्वराज इन दिनों ललित मोदी की मदद करने के कारण विवादों में आ गयी है. मदद करने वाले की सब मदद करते है इस बात पर खरी उतर रही है शिवसेना. शिवसेना ने सुषमा स्वराज का पूरा समर्थन किया है.
सुषमा स्वराज ने अपने मुखपत्र सामना में इस पूरे विवाद के पीछे गहरी साजिश का हाथ बताया है. इस पर सुषमा स्वराज ने कहा कांग्रेस ऐसे शोर मचा रही है जैसे उन्होंने दाऊद जैसे देशद्रोही की सहायता कर दी हो. सामना में लिखा गया है कि सुषमा पर जो भी कीचड़ उछालने का प्रयास कर रहा है इसकी जल्द ही जांच पीएम को करनी चाहिए. इस साजिश का सामना कल प्रधानमंत्री को भी करना पड़ सकता है. देश के कार्यकर्ताओ को अस्थिर और तंग किया जा रहा है. निर्जीव कांग्रेस को ऐसे जानकारी देकर कौन उसकी सहायता कर रहा है?
यह सरकार में हलचल उत्पन्न करने का प्रयास है. कांग्रेस के एक मंत्री शशि थरूर का नाम इसमें आने पर उन्हें स्थगित कर दिया गया था. ललित मोदी के जैसे लोग आज भी क्रिकेट से जुड़े हुए है, जिन्होनें क्रिकेट जैसे खेल को जुए में तब्दील कर दिया है. अपने कार्यकाल में तो कांग्रेस ने इसे लागू नहीं किया और अब कांग्रेस हड़कम्प मचा रही है.
सामना में लिखा है कि बोफोर्स के आरोपी क्वोत्रोची को देश से निकालने वाले लोग आज नमो सरकार से सवाल कर रहे है. एंडरसन की भी इसी तरह मदद की गयी. मोदी को अपने गुनाहो की सजा मिलनी चाहिए. लेकिन उसनें कैंसर से लड़ रही अपनी पत्नी के लिए सहायता मांगी थी. कांग्रेस के पंख में उड़ान भरने की काबिलियत अब नहीं रह तो ऐसे में उसे फड़फड़ाना भी छोड़ देना चाहिए. यही उसके लिए बेहतर है.