बिहार में हुई भाजपा की चुनावी हार का शिवसेना ने उड़ाया माखौल
बिहार में हुई भाजपा की चुनावी हार का शिवसेना ने उड़ाया माखौल
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मुंबई : मौके को देखते हुए कभी दोस्त तो कभी दुश्मन की भूमिका में। जहाँ मौका मिला वहाँ साथ दे दिया और जहाँ फायदा दिखा वही लुढ़क लिए। शिवसेना कभी भाजपा की तारीफ करती है, तो कभी उन्ही की विरोधी बन जाती है। और इसके लिए न कोई सभा, न कोई संगोष्ठी हमले का माध्यम है शिवसेना का मुखपत्र सामना। जिससे वो हर विरोधी का सामना करती है।

भाजपा की करारी हार के बाद शिवसेना ने इसे महाराष्ट्र के लिए संदेश बताया है। सामना में लिखा गया है कि अगली बार जब महाराष्ट्र में चुनाव होगा तो शिवसेना ही लीडर बनेगी, भविष्य शिवसेना का ही है। साथ ही यह भी पूछा कि बिहार चुनाव में हार की जिम्मेदारी कौन लेगा। भाजपा को अब आत्ममंथन की आवश्यकता है।

मोदी पर हार का सहरा बाँधते हुए सामना में लिखा गया है कि मोदी ने अपने सारे संसाधन लगा दिए, फिर भी हार गए जब कि नीतीश ने अपने सीमित संसाधनों के प्रयोग से ही जीत हासिल की। बिहार जयप्रकास नारायण की धरती है। मोदी ने यहाँ 30 रैलियाँ की, पर परिणाम कुछ भी नही मिला।

बिहार और महाराष्ट्र की तुलना करते हुए सामना ने लिखा है कि दोनो की स्थिति एक जैसी है। केंद्र के सारे बड़े नेता समेत भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री तक आए, फिर भी शिवसेना 63 सीटें जीत गई। लोकसभा चुनाव का हीरो (मोदी) बिहार में था, लेकिन पिछली बार की तरह इस बार का परिणाम नही आया।

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