मुंबई : शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से सरकार पर हमला बोलते हुए धर्मशाला में होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच का विरोध किया है। शिवसेना ने बीजेपी सरकार से पूछा है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र इस मैच का विरोध कर रहे है, तो क्या सरकार उन्हें भी देशद्रोही करार देगी। आगे सामना में लिखा गया है कि यह विरोध न तो राजनीतिक है और न ही धार्मिक। इस मैच का विरोध इसलिए किया जा रहा है, क्यों कि वहां कई शहीदों के परिवार रहते है।
शिवसेना ने लिखा है कि यदि वीरभद्र को लगता है कि मैच होने देने से शहीदों के परिजनों को तकलीफ होगी, तो क्या आप उन्हें भी देशद्रोही करार देंगे और फांसी पर लटका देंगे।
वीरभद्र ने पहले इस मैच का विरोध करते हुए कहा था कि पठानकोट हमले के बाद से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा है, इसलिए इस मैच को कहीं और स्थानांतरित कर देना चाहिए। साथ ही उन्होने यह भी कहा था कि राज्य सरकार खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती।
इस पर शिवसेना ने सरकार पर तंज कसते हुए लिखा है कि बाकी मौकों पर सरकार के आत्मविश्वास को क्या हो जाता है। आगे लिखा गया है कि इससे लोगों का गुस्सा भड़क सकता है। क्रिकेट मैच खेलने से महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में किसानों की आत्महत्याएं रुक जाएंगी? क्या जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित हो जाएगी? क्या हमारे जवान सीमा पर सुरक्षित हो जाएंगे?
क्या पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगने बंद हो जाएंगे। पार्टी ने आगे कहा कि पठानकोट हमलों की जांच के लिए पाकिस्तानी जांच एजेंसियों का भारत आना जवानों का अपमान है और भले ही सरकार बदल गई है लेकिन पाकिस्तान का तुष्टीकरण नहीं रुक रहा है। मैट नहीं होने से कौन सा पहाड़ टूट जाएगा।