Sep 07 2015 03:29 PM
मुंबई : शिवसेना द्वारा अपने मुखपत्र सामना में एक बार फिर हुंकार भरी गई है। इस बार शिव सेना ने हिंदू संगठनों को जमकर कोसा है। इस मामले में कहा गया है कि विरोध की आवाज़ उठना जरूरी है। देश में इस तरह की मांग को उठने से रोकना सही नहीं है। शिवसेना द्वारा प्रोफेसर कलबुर्गी की हत्या की निंदा की गई है। शिवसेना ने कहा है कि एक प्रोफेसर की हत्या कर क्या मिलेगा। हिंदू संगठन यदि अपनी नाराजगी जाहिर करना चाहते हैं तो हाफिज सईद और ओवैसी पर गुस्सा निकाला जा सकता है।
हाल ही में इस मसले को लेकर शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने लिखा है कि प्रोफेसर कलबुर्गी, डाॅक्टर नरेंद्र दाभोलकर और वामपंथी गोविंद पानसरे ने जिस तरह का विरोध जताया वह उनका अधिकार था। मगर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला देश की आत्मा पर ही कुठाराघात है। उल्लेखनीय है कि शिवसेना का यह मुखपत्र अपनी कड़ी और स्पष्ट टिप्पणियों व लेखों के लिए जाना जाता है। इसमें शिवसेना खरी- खरी बातें कहती है। कई बार शिवसेना ने केंद्र सरकार और महाराष्ट्र की सरकार को लेकर भी अपने मुखपत्र में लेख लिखे हैं।
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