मुंबई: नेता, एक्टर व क्रिकेटर के बाद अब शिवसेना का अगला निशाना महाअधिवक्ता बन गए है। दरअसल महाराष्ट्र के सीनियर एडवोकेट श्री हरि अणे ने एक बयान दिया है, जिसके कारण शिवसेना उन्हें पद से हटाने की मांग कर रही है। अणे ने अपने बयान में कहा है कि अलग विदर्भ को लेकर जनमत संग्रह किया जाना चाहिए। बस अणे का यह बयान शिवसेना को चुभ गया।
इस मामले को लेकर शिवसेना ने महाराष्ट्र के विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हंगामा भी किया। पार्टी का कहना है कि ये महाराष्ट्र विभाजन की कोशिश है। सिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने पत्रकारों से कहा कि अगर अणें राजनीति चाहते है तो वे सबसे पहले अपने पद को छोड़ दें। बता दें कि अणे हमेशा से अलग विदर्भ राज्य की मांग करते आए है और इस मामले में वो मुखर भी रहे है।
सीनियर एडवोकेट के साथ-साथ अणे बिहार के पूर्व राज्यपाल लोकनायक बापूजी अणे के पोते भी है। अणे के इस बयान ने सतारुढ़ पार्टी की परेशानी को बढ़ा दिया है। कहा जा रहा है कि पार्टी भी इसके पक्ष में है लेकिन गठबंधन की सरकार में कुछ भी बोलने से कतरा रही है। जब इस मामले पर सीएम देवेंद्र फड़नवीस से उनकी राय मांगी गई तो उन्होने कहा कि राज्य में और भी मसले है बहस के लिए।