मुंबई : बीजेपी और शिवसेना की हरकतें किसी विरोधी पार्टी से कम नहीं है, जब कि दोनों केंद्र और महाराष्ट्र में एक-दूसरे की सहयोगी पार्टियां है। शिवसेना ने एक बार फिर मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार पर हमला बोला है। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि इस फेरबदल के तहत राज्यों का राजनीतिक गणित जमाने के लिए कई राज्यमंत्री बनाए गए हैं।
मंगलवार को भी शिवसेना ने कहा था कि यह फेरबदल एनडीए का नहीं बल्कि बीजेपी का है। सामना में भी इस बात को दोहराते हुए लिखा गया है कि 19 नए मंत्रियों ने शपथ लिया, लेकिन पार्टी में बड़ा चेहरा अब भी एक ही है और वो खुद पीएम नरेंद्र मोदी है। जिसने सबका भार अपने सिर पर ले रखा है।
शपथ ग्रहण के दौरान गलती होने पर नए मंत्री रामदास अठावले को राष्ट्रपति ने तीन बार टोका था, इस पर शिवसेना ने चुटकी लेते हुए कहा है कि दलित नेता अठावले शपथ ग्रहण करते हुए स्वयं का नाम पढ़ना भूल गए थे। अठावले हैं तो इस तरह का हंसी-मजाक तो होना ही चाहिए। जब तक महाराष्ट्र के आरपीआई कार्यकर्ताओं को सरकार मे स्थान नहीं मिलता, तब तक केंद्र मे मंत्री पद स्वीकार नहीं करूंगा, ऐसी गर्जना रामदास अठावले ने की थी, उसका क्या हुआ, यह वही जानें।
राज्य मंत्री का कार्यभार संभालने वाले एस एस अहलूवालिया के संबंध में सामना में कहा गया है कि बीजेपी के जुझारु सरदार जी कई दिनों से कबाड़ में पड़े थे। पंजाब चुनाव को देखते हुए उन्हें प्रकाश में लाया गया है। विजय गोयल के मंत्री बनाए जाने पर शिवसेना का कहना है कि उन्हें केजरीवाल के सिर में दर्द बढ़ाने के लिए मंत्री बनाया गया है।
शिवसेना ने कहा है कि बीजेपी के पास बहुमत है इसलिए उन्हें पत्ते फेंटने का भी पूरा अधिकार है। लोकतंत्र मे बहुमत, फर्श पर फिसलते काई की तरह होता है इसलिए विस्तारित मंत्रिमंडल को अपने कदमों को मजबूती से रखकर काम करना पड़ेगा।