शिवराज सरकार की साधु-संतों को आश्वासन की झप्पी
शिवराज सरकार की साधु-संतों को आश्वासन की झप्पी
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इंदौर​: मध्यप्रदेश संत एवं पुजारी संयुक्त महासंघ के बैनर तले प्रदेश के सभी महामंडलेश्वर, संत समाज और पुजारी संगठन ने भोपाल स्थित कमला नेहरू पार्क में 14 फरवरी से अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर  प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। महामंडलेश्वर कम्प्यूटर बाबा, राधे-राधे बाबा, पं. योगेंद्र महंत के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में इन्दौर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, खंडवा, मांडव के महामंडलेश्वर, संत समाज एवं पुजारी संगठन के पदाधिकारी शामिल हुए।

दो दिन से चल रहे इस विरोध प्रदर्शन में बुधवार को सभी संत समाज ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और सरकार को दोपहर तक की चेतावनी दी थी कि यदि सरकार ने दोपहर तक संत समाज की सात सूत्रीय मांगे एवं मठ मंदिरों पर अवैधानिक अतिक्रमण नहीं रोका गया तो सभी संत, महामंडलेश्वर और पुजारी संगठन धरने पर बैठकर यहां जाम लगा दिया जाएगा।

साधु-संतों की इस चेतावनी के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की और से विभिन्न उच्च स्तरीय अधिकारी चर्चा के लिए सांधु-संतों और पुजारी संगठन के पदाधिकारियों के पास आते रहे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के प्रतिनिधि के रूप में रमेश शर्मा ने प्रदर्शन स्थल पर आए और उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से सैंधातिंक रूप से  महामंडलेश्वर, संत समाज और पूजारी संगठन की सात सूत्रीय मांगों को मानने के लिए सहमति व्यक्त की एवं हाथों-हाथ धर्म विरोधी मठ मंदिर विधेयक को रूकवाया।

मध्यप्रदेश संत एवं पुजारी संयुक्त महासंघ के संयोजक योंगेद्र महंत ने जानकारी देते हुए बताया कि महामंडलेश्वर, संत समाज एवं पुजारी संगठन द्वारा किए गए इस आदोलन में मुख्यमंत्री शिवराज सरकार ने सभी सात सूत्रीय मांगों को मानने का आश्वासन दिया है साथ ही सभी महामंडलेश्वर, संत समाज और पुजारी संगठन को कलेक्टर के माध्यम से नर्मदा सेवा यात्रा में आमंत्रित करने और सभी संत समाज का सम्मान करने के भी निर्देश दिए हैं। प्रदर्शन में स्वामी नवीनांनंद सरस्वती, महामंडलेश्वर, नृसिंह दास, महंत गोपाल दास, महामंडलेश्वर रामेश्वरजी महाराज, पुजारी महासंघ के पं. महेष पुजारी, पं. गोपाल, कृष्ण जोशी, पं. नरहरि प्रपन्न, महंत मंगल भारती, पं. डॉ. रविशजी त्यागी, स्वामी अजाय कालिकानन्दजी मौजूद थे।

कल होगी मुख्यमंत्री से बैठक- मध्यप्रदेश संत एवं पुजारी संयुक्त महासंघ सात सूत्रीय मांगों को लेकर गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर जाकर चर्चा करेंगे साथ ही नर्मदा सेवा यात्रा में मुख्यमंत्री सरकार द्वारा महामंडलेश्वर, संत समाज और पुजारी संगठन की उपेक्षा और अवेहलनाओं के लिए भी शिवराज सरकार से सवाल करेंगे। 

ये हैं प्रमुख मांगे- 

-न्यायालयीन निर्णय तत्काल प्रभावशील हो। 
-धार्मिक आयोजनों में धर्माचार्यों की उपेक्षा न हो। 
-मठ मंदिरों पर अवैधानिक अतिक्रमण रोका जाए। 
-नामांतरण वंशानुगत व गुरू-शिष्य परंपरा अनुसार हो। 
-गोचर भूमि को मुक्त कराकर गोशालाओं को दिया जाए।
-प्रदेश के प्रमुख मंदिरों के खिलाफ जो विधेयक लाने की चेष्टा हो रही है, उसे रोका जाए।

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