लखनऊ : आखिरकार मुलायम सिंह यादव ने अपने भाई शिवपाल को मना लिया है। मुलायम ने न केवल अपने भाई को मनाया है वहीं अपने बेटे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी चुनाव में टिकट बंटवारे का पूरा अधिकार देने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को दिल्ली से लखलउ पहुंचे मुलायम ने चाचा भतीजे के बीच सुलह कराई। मालूम हो कि मुलायम के कुनबे में आया उबाल सुर्खियों में आ गया था और इसके चलते शिवपाल ने अपने मंत्री पद समेत अन्य सभी पदों से त्याग पत्र दे दिया था, लेकिन पहले अखिलेश तथा बाद में मुलायम ने भी उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया।
मुलायम ने पत्रकारों से यह कहा था कि पार्टी में किसी तरह का विवाद नहीं है। इधर शुक्रवार को ही मुलायम ने दोनों चाचा भतीजे से चर्चा करते हुये बीच का रास्ता निकाला। यह तय किया गया है कि शिवपाल तो सपा के प्रदेश अध्यक्ष बने ही रहेंगे वहीं टिकट देने में अखिलेश भी दखल दे सकेंगे।
अखिलेश हो गये थे नाराज
चुंकि मुलायम के लिये भाई और बेटा दोनों ही प्रिय है इसलिये उन्होंने झगड़े को कैसे तो भी सुलझाने का प्रयास किया। बावजूद इसके अखिलेश अपने पिता से नाराज हो गये। अखिलेश ने कहा कि यह सब कुर्सी का झगड़ा है इसलिये वे ही अपने सभी पदों को छोड़ दे। अखिलेश ने यह भी कहा है कि पिता पुत्र के बीच किसी तीसरे की दखल नहीं हो सकती है।
हटाये गये मंत्री फिर होंगे काबिज
आपको बता दें कि अखिलेश ने न केवल शिवपाल से तीन अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी छीन ली थी वहीं खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और एक अन्य को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया था। परंतु अब मुलायम ने बर्खास्त दोनों मंत्रियों को फिर से मंत्रिमंडल में लाने के लिये कहा है। हालांकि यह बात अलग है कि पत्रकारों से उन्होंने यह कहा था कि अखिलेश उनकी बात सुनेंगे नहीं, परंतु थोड़ी देर बाद ही अखिलेश ने यह कहा कि उनके पिता का आदेश उनके लिये सिर आंखों पर है। इसलिये अब हटाये गये मंत्रियों को दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है।
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