रूद्राक्ष को शिव का अंश माना जाता है और यही कारण होता है कि ज्योतिषियों द्वारा रूद्राक्ष धारण करने की सलाह इसलिये दी जाती है कि रूद्राक्ष पहनने के कारण बहुत सी समस्याएं यूं ही खत्म होने लगती है। रूद्राक्ष कई तरह के होते है- यथा एक मुखी, दो मुखी, पंच मुखी, छः मुखी इत्यादि।
रूद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति पर सदैव भगवान शिव की कृपा बनी रहती है, इसमें किसी तरह का संशय नहीं होना चाहिये। रही बात एक मुखी रूद्राक्ष की तो यह न केवल साक्षात शिव स्वरूप है वहीं यदि यह असली मिल जाये और इसे धारण कर लिया जाये तो व्यक्ति न संपन्न तो हो ही जाता है वहीं उसकी हर मनोकामनाएं पूरी होने लगती है। वैसे एक मुखी रूद्राक्ष बहुत दुर्लभ होता है तथा इसे असली बताकर नकली भी बाजारों में बेचा जाता है, इसलिए एकमुखी रूद्राक्ष खरीदते समय असलीयत की पहचान जरूर करें।
क्या है खासियत इसकी
-एक मुखी रूद्राक्ष साक्षात शिव स्वरूप है।
-सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला है।
-इसे धारण करने वाला व्यक्ति इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर लेता है और वह परम तत्व में लीन होता है।
-इसे धारण करने वाले जातक को राज पक्ष का भय नहीं रहता तथा नेतृत्व गुण विकसित हो जाता है।
बाबा महाकाल के विवाह की पत्रिका चिंतामण गणेश को भेंट कर बुलाया