बेंगलुरु: मशहूर लेखिका शशि देशपांडे ने शुक्रवार को साहित्य अकादमी की आम परिषद से इस्तीफा दे दिया। कन्नड़ लेखक एम.एम. कलबुर्गी की हत्या पर साहित्यिक संस्था की चुप्पी पर गहरी निराशा व्यक्त करते हुए उन्होंने इस्तीफा दिया।अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को लिखे अपने पत्र में 77 साल की लेखिका ने कहा है, मैं अफसोस और आशा के साथ यह कदम उठा रही हूं कि अकादमी कार्यक्रमों का आयोजन करने, पुरस्कार देने से परे उन महत्वपूर्ण मुद्दों में भागीदार बनेगी जो भारतीय लेखकों के बोलने और लिखने की स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं।
बता दे की कई उपन्यासों, लघु कथाओं और निबंध संग्रहों और बच्चों की पुस्तकों की लेखिका देशपांडे को वर्ष 1990 में उनके उपन्यास दैट लांग साइलेंस के लिए साहित्य अकादमी अवार्ड दिया गया। उन्हें वर्ष 2009 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। कई साहित्यकारों द्वारा पुरस्कार वापस करने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया है। इस सप्ताह ही प्रख्यात लेखिका नयनतारा सहगल और हिन्दी कवि अशोक वाजपेयी ने जीवन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आघात के विरोध में अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया था। कलबुर्गी की हत्या के बाद सबसे पहले हिंदी लेखक उदय प्रकाश ने साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस कर दिया था।