काठमांडू : नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप से हुई तबाही के बाद पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए भारत ने आज यह संकल्प लिया कि वह नेपाल का पूरा सहयोग देगा. इसके साथ ही भारत ने कहा कि वह वर्ष 2001 में गुजरात में आए भूकंप के बाद पुनर्निर्माण से मिले अनुभव को हिमालयी देश के साथ बाटना चाहता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलावा प्रमुख सचिव पी के मिश्रा ने नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला और शीर्ष नेपाली अधिकारियों के साथ भूकंप के बाद की पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण योजनाओं पर बैठक के दौरान चर्चा की.
अपनी दो दिवसीय नेपाल यात्रा के समापन के अवसर पर मिश्रा ने त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मौजूद सवदाताओ से कहा, भूकंप ने नेपाल को देश का बुनियादी ढांचा दोबारा बनाने और लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने का अवसर प्रदान दिया है. उन्होंने कहा, नेपाल को सबसे आपात जरुरत उन हजारों लोगों को अस्थायी शरणस्थल उपलब्ध करवाना है, जो कि इस आपदा के कारण बेघर हो गए हैं. भारत इस दिशा में नेपाल के साथ है.
मिश्रा ने कहा, मानसून आने से पहले अस्थायी शरणस्थलों का निर्माण करना बेहद जरुरी है. उन्होंने कहा कि भारत जरुरी विशेषज्ञता उपलब्ध करवाएगा और नेपाल सरकार की ओर से दिए गए डिजाइन के अनुरुप ऐसे शरणस्थलों का निर्माण करने में मदद करेगा. वर्ष 2001 में गुजरात में आए भीषण भूकंप को याद करते हुए मिश्रा ने कहा कि उन्होंने नेपाली अधिकारियों के साथ अनुभवों को साझा किया. उस भूकंप में हजारों लोगों की जान चली गई थी.
उन्होंने कहा कि भारत के पास भूकंप और सूनामी जैसी स्थितियों से निपटने का अनुभव है और वह आपदा की इस घडी में अपने अनुभवों और विशेषज्ञता को नेपाल के साथ साझा करना चाहता है. उन्होंने भूकंप के बाद नेपाल सरकार द्वारा शुरु किए जाने वाले पुनरुद्धार एवं पुनर्निर्माण के कार्यों में भारत की ओर से पूर्ण सहयोग का संकल्प लिया. उन्होंने कहा, हमने गुजरात का पुनर्निर्माण चार से पांच साल की अवधि में कर लिया था. ऐसा ही नेपाल में भी हो सकता है. गुजरात में आए भूकंप के बाद मिश्रा गुजरात पुर्ननिर्माण प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रुप में तैनात थे.
काठमांडू दौरे के दौरान मिश्रा ने नेपाल के वित्त मंत्री राम शरण महत से भी मुलाकात की. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस आपदा के बाद नेपाल के पुनर्निर्माण के लिए दीर्घकालीन नियोजन पर और भारत की ओर से सहायता उपलब्ध करवाए जाने के संदर्भ में विचार विमर्श किया. मिश्रा ने दोलखा जिले में चरीकोट का भी दौरा किया. यह क्षेत्र भूकंप के केंद्रों में से एक था और इस भूकंप में बहुत अधिक प्रभावित इलाकों में शामिल है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर नेपाल की यात्रा करना चाहते हैं और वह नेपाल के पुनर्निर्माण को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उनकी सरकार की नीति पडोसी देशों को शीर्ष प्राथमिकता देने की है.