शारदीय नवरात्रि का पर्व इन दिनों धूम-धाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में इस पर्व के आंठवे दिन महागौरी देवी का पूजन होता है जो दुर्गा माँ का आठवां रूप हैं. कहते हैं महाअष्टमी के दिन इन्हीं की पूजा का विधान है और मां महागौरी परम कल्याणकारी माता मानी जाती है. उन्हें ममता की मूरत कहते हैं और वह भक्तों की सभी जरूरतों को पूरा करने वाली हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं महाअष्टमी का शुभ मुहूर्त.
महाअष्टमी का शुभ मुहूर्त -
5 अक्टूबर सुबह 09:53 बजे से अष्टमी आरम्भ
6 अक्टूबर सुबह 10:56 बजे अष्टमी समाप्त
संध्या पूजा मुहूर्त- सुबह 10:30 बजे से 11:18 बजे तक
महाअष्टमी का महत्व - कहते हैं नवरात्रि के आठवें दिन मां से शीघ्र विवाह का वरदान मिल सकता है और इसी के साथ ही वैवाहिक जीवन भी सुखमय हो सकता है. इसी के साथ ऐसी मान्यता है कि माता सीता ने श्री राम की प्राप्ति के लिए इन्हीं की पूजा की थी और विवाह संबंधी तमाम बाधाओं के निवारण में इनकी पूजा अचूक होती है. इसी के साथ ज्योतिष में इनका संबंध शुक्र नामक ग्रह से है.
क्या है मां गौरी की पूजा विधि- इनके पूजन के लिए पीले वस्त्र धारण करके पूजा आरंभ करें. इसी के साथ मां के समक्ष दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें. अब इसके बाद पूजा में मां को श्वेत या पीले फूल अर्पित करें. अब इसके बाद मन्त्रों का जाप करें. वहीं अगर आप पूजा मध्य रात्रि में करेंगे तो इसके परिणाम शुभ होंगे.
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