शरद जोशी : इनके व्यंग्य ने जीते करोड़ों दिल, पद्मश्री समेत मिलें ये पुरष्कार
शरद जोशी : इनके व्यंग्य ने जीते करोड़ों दिल, पद्मश्री समेत मिलें ये पुरष्कार
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शरद जोशी हिन्दी साहित्य जगत के प्रमुख व्यंगकार रहे हैं. शरद जोशी का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन में 21 मई 1931 को हुआ था. वे एक बड़े व्यंग्यकार के रूप में भारत समेत पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. शुरू में वे  कुछ समय तक सरकारी नौकरी में रहे, हालांकि फिर इन्होंने लेखन को ही आजीविका के रूप में अपना लिया था. शुरू में उन्होंने कुछ कहानियां लिखीं, फिर इसके बाद में वे पूरी तरह से व्यंग्य-लेखन करने लगे. इस महान कलाकार ने आज ही के दिन साल 1991 में मायानगरी मुंबई में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. 

भाषा : हिन्दी
विधाएँ : व्यंग्य, फिल्म, धारावाहिक, नाटक.

मुख्य कृतियां...

व्यंग्य  संग्रह : परिक्रमा, किसी बहाने, तिलिस्म, रहा किनारे बैठ, मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ, दूसरी सतह, हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे, यथासंभव, जीप पर सवार इल्लियाँ.
फिल्म लेखन : क्षितिज, छोटी-सी बात, सांच को आंच नही, गोधूलि, उत्सव 
धारावाहिक लेखन : ये जो है जिन्दगी, विक्रम बेताल, सिंहासन बत्तीसी, वाह जनाब, देवी जी, प्याले में तूफान, दाने अनार के, ये दुनिया गजब की. 

सम्मान...

शरद जोशी को कई पुरष्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है. जिनमे पद्मश्री, चकल्लस पुरस्कार, काका हाथरसी पुरस्कार आदि शामिल है. 

 

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