हिंदी महीनों में पौष मास की कृष्णपक्ष में नववर्ष के पहले शनिवार में अमावस्या पड़ने से हम इसे शनिश्चरी अमावस्या के नाम से जानते है, 9 जनवरी को पड़ने वाली इस अमावस्या की बहुत ही महत्वता है. कहा गया है की यह अमावस्या शनिवार के दिन पड़ने से इसकी महत्वता और भी बढ़ गई है .
ज्योतिषाचार्य से मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है. की इस अमावस्या की इतनी अधिक महत्वता है. की इस दिन यदि आप शनिदेव को सरसों और तिल के तेल से अभिषेक कराते है तो आपके सारे ग्रह दोष दूर हो जायेगें. यदि आप शनि की साढ़ेसाती की समस्या से परेशान है. तो उससे भी मुक्त हो सकते है .
इस बार यह शनिश्चरी अमावस्या शनिवार को सुबह 7 बजकर 40 मिनिट से शुरू होगी और दूसरे दिन सुबह 7 बजकर 20 मिनिट तक रहेगी। इस नव वर्ष में आने वाली शनिश्चरी अमावस्या की तैयारियां जोरों पर की जा रही है।लोग मंदिरों में भजन कीर्तन करेगें और अपनी आस्था को प्रगट करेगें.
इस विशिष्ट अवसर में कुछ ऐसा कर जीवन को सुखद बनायें -
आप सुंदरकांड का पाठ करें , हनुमानजी को चोला चढ़ाएं,
इस दिन आप सरसों या तिल के तेल के दीपक में दो लोहे की कीलें डालकर पीपल पर रखें। इस अमावस्या के दिन गरीबों को भोजन अवश्य खिलाएं अनाथो , गरीबों को अनाज , कपड़ों , मुद्रा आदि का दान दें ऐसा करने से आपके जीवन की कठिन से कठिन समस्या टल जाएगी जीवन में खुशियों के भंडार लग जायेगें . इस अमावस्या के दिन आप प्रातः काल स्नान कर पूजा पाठ करें .