आज जरूर पढ़े शन‍ि प्रदोष व्रत की कथा
आज जरूर पढ़े शन‍ि प्रदोष व्रत की कथा
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आप सभी जानते ही होंगे कि प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है। अभी इस समय भाद्रपद माह का शुक्ल पक्ष चल रहा है। ऐसे में इस बार शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि शनिवार 18 सितंबर 2021 को पड़ रही है, इसी के चलते इसे शनि प्रदोष व्रत कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव के साथ न्याय के देवता शनिदेव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। अब आज शनि त्रयोदशी यानि शनि प्रदोष व्रत है तो आज के दिन शनि प्रदोष व्रत की कथा जरूर पढ़नी और सुननी चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं।

शन‍ि प्रदोष व्रत की कथा- प्राचीनकाल में एक सेठजी थे। उनके घर में हर प्रकार की सुख-सुविधाएं थीं। लेकिन संतान नहीं होने के कारण सेठ और सेठानी हमेशा दुःखी रहते थे। काफी सोच-विचार करके सेठजी ने अपना काम नौकरों को सौंप दिया और खुद सेठानी के साथ तीर्थयात्रा पर निकल पड़े। अपने नगर से बाहर निकलने पर उन्हें एक साधु मिले, जो ध्यानमग्न बैठे थे। सेठजी ने सोचा, क्यों न साधु से आशीर्वाद लेकर आगे की यात्रा की जाए। सेठ और सेठानी साधु के निकट बैठ गए।

साधु ने जब आंखें खोलीं तो उन्हें ज्ञात हुआ कि सेठ और सेठानी काफी समय से आशीर्वाद की प्रतीक्षा में बैठे हैं। साधु ने सेठ और सेठानी से कहा कि मैं तुम्हारा दुःख जानता हूं। तुम शनि प्रदोष व्रत करो, इससे तुम्हें संतान सुख प्राप्त होगा। साधु ने सेठ-सेठानी प्रदोष व्रत की विधि भी बताई और भगवान शंकर की यह वंदना बताई। दोनों साधु से आशीर्वाद लेकर तीर्थयात्रा के लिए आगे चल पड़े। तीर्थयात्रा से लौटने के बाद सेठ और सेठानी ने मिलकर शनि प्रदोष व्रत किया इसके प्रभाव से उनके घर एक सुंदर पुत्र का जन्म हुआ।

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